नो सिंगल यूज प्लास्टिक का दे रहे संदेश..
नो सिंगल यूज प्लास्टिक..
टीसीएस की नोकरी छोड़ साइकिल पर प्लास्टिक इस्तेमाल न करने का दे रहे संदेश..
देवास। पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है। कई लोग स्वच्छ भारत अभियान के तहत लोगो को प्रेरणा दे रहे है। वही प्रधानमंत्री मोदी ने विगत वर्ष 15 अगस्त 2019 को लाल किले से कहा था कि क्या भारत प्लास्टिक मुक्त हो पायेगा ? जिसको लेकर देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मन में जागृत कर मुरैना के जवान ब्रजेश शर्मा साइकिल पर निकले है जो आम लोगो को पर्यायवरण बचाने के लिए प्रेरित कर रहे है। वह लोगो को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए भी बता रहे है।
देश के प्रति मन कुछ कर गुजरने का सपना लिए मुरैना के ब्रजेश शर्मा लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल न करने के उद्देश्य से साइकिल पर सवार होकर 17 सितंबर 2019 को निकले हैं जो पूरे देश का भ्रमण कर लोगों को प्लास्टिक इस्तेमाल न करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होनें अपनी यह यात्रा गुजरात के गांधीनगर से शुरू की है। गांधीनगर में वह टीसीएस की नौकरी कर रहे थे। अब तक उन्होंने 7500 किमी की यात्रा तय की है। उन्होनें बताया की यात्रा को पूरी करने में उन्हें लगभग 1 वर्ष का और समय लगेगा। उन्होनें बताया की वह गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, की यात्रा कर चुके हैं। अब मध्यप्रदेश की यात्रा कर आगे की और जा रहे हैं। उन्होंने एक छोटी मुलाकात में बताया कि उन्हें यह प्रेरणा एक ऐसे पक्षी से मिली जो प्लास्टिक की थैली में उलझ गया था। उसके बाद वह प्रधानमंत्री मोदी की सोच और पक्षी से मिली प्रेरणा को लेकर भारत भ्रमण पर निकल गए। उनका कहना है कि प्लास्टिक कितना खरनाक होता है, इसके बारे में उन्होंने पढ़ा भी और समझा। इसकी रिसर्च भी की और लोगो को प्रेरित करने के लिए निकल गए।
परिवार से इस तरह दूर होकर किया प्रेरित
ब्रजेश शर्मा ने बताया की उनका निवास मुरैना में गोपालपुरा सिटी में है उनके साथ उनके पिता व उनके बड़े भाई रहते हैं। उनकी माताजी का निधन 2007 में हो गया था। उन्होनें अपनी शिक्षा मुरैना में पूरी की उसके बाद वह दिसंबर 2018 में होटल मैनेजमेंट और टूर एण्ड ट्रेवल्स की पढ़ाई करने के लिए गए थे। वहां से वह 2019 अपे्रल में भारत आ गए थे। जिसके बाद उन्होनें इंटरनेट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए उद्बोधन करते सुना था। उसी दौरान उनके मित्र निलेश शाह ने उन्हें एक पक्षी को प्लास्टिक में फंसा एक फोटो बताया और वह इस तरह से प्रेरित होकर देश में लोगों को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए संदेश देने के लिए निकल पड़े।
मेरा बदलजाना ही काफी है..
ब्रजेश शर्मा ने बताया की साइकलिंग के लिए निकलना मुश्किल तो है। उन्होनें कहा की मेरे दोस्तों और परिवार के सदस्यों में से किसी यह नहीं किया की मैं इस सफर पर निकलकर अच्छा कार्य कर रहा हूं। सभी कहना था की सरकारें नहीं बदली सकीं तुम अकेले कैसे बदलोगो ? लेकिन उन्हें यह लगता है की सिर्फ मेरा बदल जाना ही एक शुरूआत के लिए काफी है। नौकरी की सेविंग्स से खर्च चलाता हूं और सफर ज्यादा महंगा न पड़े इसके लिए वह अक्सर मंदिर या ढाबे पर सो जाते हैं, ताकि ज्यादा पैसा खर्च न हो।
ढाई लाख स्कूलों में किया प्रेरित
ब्रजेश शर्मा ने बताया कि अभी तक ढाई लाख स्कूलों में बच्चो को प्लास्टिक कितना घातक है और पर्यावरण को कैसे दूषित करता है यह बता चुका हूं। इसके अलावा लाखों लोगों को प्रेरित भी कर चुके है। उन्होनें बताया की सिंगल यूज प्लास्टिक के नुकसान क्या होते हैं यह भी स्कूली बच्चों को बताया है। इसके लिए उनके बैग में वह कुछ तस्वीरें भी रखते हैं। पॉलिथीन और बोतलों में भरे कूड़ा घर की तस्वीरें दिखाता हूं, ताकि वे समझें कि वे जिसे सिर्फ एक प्लास्टिक मानते हैं या एक पानी की बोतल मानते हैं वह कितनी बड़ी समस्या है।
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