जिला चिकित्सालय में बनी रहती है गंदगी, नहीं दिया जा रहा सफाई पर ध्यान

जिले का एक मात्र शासकीय बड़ा अस्पताल जहाँ पर अवव्यस्थायें पैर पसार रही है। लगातार गंदगी बनी हुई दिखाई देती है। किसी भी तरह से गंदगी साफ नहीं कि जा रही है, जिसके कारण सुअरों का जमावड़ा बना हुआ रहता है। जबकि प्रतिदिन यहां पर निगम का कचरा वाहन आता है लेकिन गंदगी बनी दिखाई देती है। वही यहाँ पर वाहनों की पार्किंग भी बेतरतीब तरीके से की जा रही है, जबकि यहां पर पार्किंग का ठेका भी दिया गया है। उसके बावजूद हालात दयनीय बने हुए है। गौरतलब है कि पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां पर निरीक्षण के लिए आई थी, जिन्होंने मौजूदा अधिकारियों को हिदायत भी दी थी कि गंदगी और सुअरों का जमावड़ा नहीं दिखाई देना चाहिए। किंतु ढर्रा ऐसा बन गया है जो सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। वैसे यहां पर प्रबंधक इन सभी व्यवस्थाओं को लेकर अपना ध्यान नहीं दे रहे है। हालात यह है की सीएमएचओ से लेकर सिविल सर्जन तक हालात पर ध्यान ही नहीं देना चाहते है। सिर्फ मासिक वेतन तक उनका ध्यान रहता है। यहां उपचार कराने आ रहे मरीजों से उन्हें कोई मतलब नहीं रहता है। मरीज व उनके परिजनों को उनकी व्यवस्था खुद करना पड़ रही है। वही कुछ विभागीय अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक कुछ मामलों को लेकर चर्चा में रहे है उसके बावजूद यहां पर कोई सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि पिछले दिनों आयुष्मान योजना का शुभारंभ करने आए केबिनेट मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने भी सीएमएचओ को कहा था कि कभी भी स्वाथ्य मंत्री तुलसी सिलावट यहाँ आ सकते है। यहां बनी हुई अव्यवस्थाओं और गंदगी को जल्द ही ठीक किया जाए। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि वह जब भी यहाँ आए और भोपाल जाएंगे तो वहां जाकर कहे कि अस्पताल हो तो देवास जैसा। लेकिन यहां के अधिकारियों की आदत यह बनी हुई है कि एक कान से सुनते ही और दूसरे से बाहर कर देते है। फिर चाहे कोई भी अधिकारी उन्हें समझाइश दे लेकिन यहां का ढर्रा सुधारने का कार्य अधिकारी नहीं कर रहे है। जिसके कारण अस्पताल की हालत दयनीय बनी हुई है।
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