नर्मदा का पानी शिप्रा में एक माह से बंद,अभी से दम तोड़ने लगे है आसपास के जलस्त्रोत..

शिप्रा नदी बनी मैदान, ग्रामीणों ने नदी में पानी छोड़ने के लिए की मांग..

खुले मैदान में तब्दील हो गई शिप्रा

देवास। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के के अधिकारी जानबूझकर मध्य प्रदेश की कांग्रेस की सरकार व मुख्यमंत्री कमलनाथ को किसानों के बीच बदनाम करने के लिए तुले हैं। इस प्रकार का आरोप क्षेत्र के हंसराज मंडलोई ने लगाते हुए बताया कि निरंकुश अधिकारियों द्वारा जानबूझकर मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में मां नर्मदा का पानी लगभग एक माह से बंद कर दिया गया है। इस कारण शिप्रा नदी अभी से ही सूखे मैदान में तब्दील होने लगी है।

शिप्रा नदी में नर्मदा का पानी बंद करने के कारण देवास जिले के हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र के लगभग 100 गांव में अभी से नलकूपों व कुआं में जलस्तर कम होने लगा है। शिप्रा डैम से देवास शहर को व उद्योगों को पानी की सप्लाई होती है उसमें भी दिन प्रतिदिन पानी कम हो रहा है एवं किसानों की खड़ी फसल में पानी कम मिलने के कारण किसानों को नुकसान की आशंका होने लगी है। इस संबंध में हंसराज मंडलोई ने कमलनाथ सरकार के प्रधान सचिव अशोक वर्णवाल, प्रदेश सरकार के नर्मदा घाटी विकास मंत्री हनी बघेल, प्रमुख सचिव गोपाल रेड्डी सहित इंदौर संभाग के कमिश्नर आकाश त्रिपाठी इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री बाला बच्चन सहित सभी अधिकारियों व नेताओं के समक्ष यह मामला उठाया। इस पर विभागीय अधिकारियों को शिप्रा नदी में नर्मदा नदी का पानी छोड़ने के निर्देश दिए है। बावजूद नदी में पानी नहीं छोड़ा गया है। इसी प्रकार का हाल शिप्रा तट पर भी देखने को मिला है।

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