धोखाधड़ी : विकास प्राधिकरण में प्लाट का आवंटन बदल कर अन्य को बाले-बाले कर दिया..
धोखाधड़ी : विकास प्राधिकरण में प्लाट का आवंटन बाले-बाले कर दिया
फरियादी पहुंचे अधिकारी के पास तो कह दिया : जहां शिकायत करना हो कर देना
माँ व बेटे ने कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को की शिकायत
देवास। प्लाट को लेकर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने धोखाधड़ी की, मिश्री बाई पति रामचंदर परमार ने बतलाया कि पहले तो प्लाट का आवंटन उने पुत्र मनोज के नाम पर किया था, उसके बाद प्राधिकरण अधिकारी ने बाले-बाले आवंटन तीसरे व्यक्ति के नाम पर कर दिया। जब इस बात की सूचना मिश्रीबाई को मिली तो वह और उनका बेटा प्राधिकरण कार्यालय गए तो अधिकारी से इस बात पर चर्चा की लेकिन अधिकारी ने एक न सुनी और कह दिया की जहां शिकायत करना हो कर देना आखिरकार मेरे पास ही आना पड़ेगा। अब माँ व बेटे ने इस बात की लिखित शिकायत कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से की है।


देवास विकास प्राधिकरण द्वारा दिनांक 29 फरवरी को न्यू देवान के प्लाटो की निलामी आयोजित की गई थी। जिसमें प्लाट क्रमांक 11 व 12 ईडब्ल्यूएस के लिए मेरे बेटे मनोज परमार पिता स्व. रामचंद्र परमार ने 2 लाख 20 हजार के दो टेण्डर लिफाफे दिनांक 28 फरवरी को पेटी में डाले थे। दूसरे दिन 29 फरवरी को दोपहर 2.45 बजे मैं व मेरा बेटा भनोज व मेरी बेटी ऊमा प्राधिकरण कार्यालय पहुंच गए थे और तीन बजे अधिकारियो द्वारा पेटी खोली गई, जिसमें प्लान क्रमांक 11 के लिए दो टेण्डर लिफाफे प्राप्त हुए। एक मेरे बेटे का 2 लाख 20 हजार तथा दूसर किसी अन्य 3 लाख 21 हजार तथा प्लाट क्रं. 12 ईडब्ल्यूएस के लिए दो टेण्डर लिफाफे प्राप्त हुए थे। पहला मेरे बेटे का 2 लाख 20 हजार रूपए का तथा दूसरा किसी अन्य का 2 लाख रूपए का था। अलाटमेंट की घोषणा प्राधिकारण अधिकारी हरीश त्रिवेदी आवाज लगाकर मेरे बेटे के नाम से की थी। हम लोग वहां शाम 6.30 बजे तक रूके रहे। वहां के अधिकारी हरीश त्रिवेदी ने हमसे कहा कि आप लोग अब जाओ। यहां प्लाट तम्हें मिल गया है। 10-12 दिन के बाद आना तब तक यहां फाईल कलेक्टर साहब के हस्ताक्षर होकर आ जाएगी। जब मैं और मेरा बेटा पैसे जमा करने के लिए प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे तो हरीश त्रिवेदी ने मझसे कहा कि प्लट नंबर 12 ईडब्ल्यूएस तो दूसरे व्यक्ति को अलोट कर दिया गया है। उसने 2 लाख 22 हजार रूपए भरे है। तब मैंने कहा कि साहब यह प्लाट तो मुझे आवंटित हुआ था। दो टेण्डर इसके लिए डाले गए थे। एक दो लाख का तथा दूसरा मेरा 2 लाख 20 हजार का तो यहां तीसरा व्यक्ति कहां से आ गया। मैं आपकी शिकायत बड़े अधिकारी से करूंगा तो उन्होंने कहा जहां शिकायत करना हो कर देना। आना तो हमारे पास ही पड़ेगा। हमारे साथ देवास विकास प्राधिकरण के अधिकारियो द्वारा धोखाधड़ी की गई है। हमारे साथ धोखाधड़ी करने वाले अधिकारियो के खिलाफ धोखाधड़ी तथा शासकीय दस्तावेजो में हेराफेरी का मुकदमा दर्ज किया जाए और हमें हमारा आवंटित प्लाट दिलवाया जावे।
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