आज से रमजान प्रारंभ, पहले दस दिन रहमत के कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पांच से ज्यादा लोग नहीं होंगे एकत्रित..
देवास। शुक्रवार देर शाम चांद दिखने के साथ ही आज शनिवार को पहला रोजे के साथ ही रमजान माह का आगाज हो गया। रमजान माह पर इस बार कोरोना वायरस के कारण विशेष सर्तकता रहेगी। मस्जिद में पांच से ज्यादा लोग एकत्रित होकर नमाज अदा नहीं कर सकेंगे। तरावीह भी मस्जिद के स्थान पर अपने घरों पर ही पढऩा होगी। रमजान के पहले दस दिन रहमत के हैं। दूसरा पड़ाव के दस दिन मगफिरत के और अंतिम दस दिन जहन्नुम की आग से आजादी के है। मुस्लिम श्रध्दालु मानते हैं कि रमजान माह अल्लाह का माह है। इस माह में हर पल नेकियां ही नेकियां हैं। रोजा के बाद मुस्लिम बंधु नमाज,कुरान, हदीस पाठन नियमित रूप से अपने घरों पर ही करेंगे। मुस्लिम समाजजन का मानना हैं कि रमजान माह में कुरान शरीफ नाजिल किया गया था।
एक नेकी पर 70 का सवाब
इस्लाम धर्म के जानकार शिक्षक मो.खलील खान के मुताबिक इस्लाम के पांच बुनियादी तत्वों में रमजान में रोजे रखना अनिवार्य है। इस माह में पवित्र कुरान-ए-पाक नाजिल हुआ था। हदीस के अनुसार इस माह में नेकी करने पर 70 नेकियों का सवाब मिलता है। इस महीने में रोजे रखकर तिलावत व इबादत करते हुए गुनाहों से बचते हुए आने वाले 11 महीनों की बुराइयों से दूर रहने की व खुदा और रसूल के आदेशों के अनुसार जीवन गुजारने की अपेक्षा की जाती है। ऐसा माना जाता हैं कि रोजेदार की दुआ अल्लाह कभी रद्द नहीं करता। इसलिए सभी रोजेदार रोजा खोलने के पूर्व अल्लाह से दुआ करें कि वह जज्द से जल्द से हमारे मुल्क को कोरोना वायरस जैसी वबा से निजात दिलाए।
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