जिला अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही आई सामने..
जिला अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही आई सामने..
मरीज की पलंग से गिरने पर हुई मौत, 8 घंटे तक मरीज का शव नीचे पड़ा रहा..
देवास। कोरोना संक्रमण के चलते जिला चिकित्सालय में लापरवाही बढ़ती जा रही है। यहां पर शिकायतों को अंबार लगा हुआ है। न तो यहां पर डॉक्टर मरीजों का सही तरह से उपचार कर रहे हैं, न ही भर्ती मरीजों की देखभाल सही तरीके से हो पा रही है। वहीं बताया गया है की कोरोना संक्रमण के चलते यहां पर सर्दी, खांसी के अलावा अन्य बिमारी से ग्रसित मरीज अगर आता है तो उसे अमलतास भेजा जा रहा है। जबकि यहां पर भी चिकित्सक उपचार कर सकते हैं। ऐसे में शहर के कई निजी क्लीनिक भी बंद हैं जहां पर छोटी-मोटी बिमारियों का उपचार आसानी से हो सकता है। लेकिन निजी चिकित्सक अपना क्लीनिक सिर्फ पैसा कमाने के लिए ही खोलते हैं, उन्हें इस प्रकार की महामारी से कोई मतलब नहीं है, फिर चाहे कुछ भी हो। वहीं निजी क्लीनिक की बात करने के साथ-साथ सरकारी अस्पताल की बात करें तो यहां पर मनामानी देखी जा रही हैं जिसका खामियाजा एक मरीज को भुगतना पड़ गया जब उसकी मौत पलंग से गिरने पर हो गई। मामले को लेकर अस्पताल के चिकित्सक से लेकर प्रबंधक कुछ भी कहने को तैयार नहीं है, वहीं मरीज के परिजनों का आरोप हैं की चिकित्सालय में कार्यरत कर्मचारियों की लापरवाही के कारण मरीज की मौत हुई है।
करोना संक्रमण के कारण और अस्पताल के कर्मचारियों की मनमानी बढ़ती जा रही है। इन दिनों अस्पताल में कोई जिम्मेदार अधिकारी या फिर कलेक्टर का आना-जाना भी नहीं हो रहा है। जिसके कारण अस्पताल के कई चिकित्सकों से लेकर छुटपुट अधिकारी अपने मनमाने रैवये से अस्पताल का संचालन कर रहे हैं, उन्हें भर्ती मरीजों से भी कुछ मतलब नहीं है। बताया जा रहा है की मन चाहा तो उपचार किया जा रहा है या फिर भर्ती मरीजों को भगवान भरोसे ही रहना पड़ता है। ऐसे में किसी मरीज के साथ कोई हादसा हो जाए तो अस्पताल में कार्य करते यही अधिकारी पल्ला झाडऩे में देर नहीं लगाएंगे। अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक कल देर रात को अस्पताल की दूसरी मंजिल के जनरल वार्ड में भर्ती मरीज शिवलाल पिता कन्हैयालाल कुशवाह उम्र 42 वर्ष निवासी उत्तम नगर भर्ती था, बताया गया है की मरीज शिवलाल को पेट की समस्या थी जिसके चलते उसे यहां पर भर्ती किया गया था। जिसे रात को अचानक से तकलीफ हुई और पलंग से नीचे गिर गया था, जिसे देख जनरल वार्ड में मौजूद चिकित्सक व नर्स और स्टॉफ ने भी उसे पलंग पर नहीं लेटाया। बताया जा रहा है की उसकी मौत के बाद उसे किसी ने नहीं उठाया 8 घंटे में उसका शव वही पर पड़े-पड़े कडक़ हो गया था। दोपहर करीब 11 बजे दरमियान मरीज के मृत्यु उपरांत उसे उठाया गया। वहीं मृतक के परिवारजनों का कहना है कि मरीज के पास उन्हें अस्पताल में रुकने नहीं दिया था। अब परिजनों ने अस्पताल प्रबंधक पर व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं। वहीं बताया जा रहा है की सफाई का काम देखने वाले कर्मचारी नेता की लापरवाही इसमें सामने आई है।
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