सियासी किस्मत: जनवरी में हो गए थे पूर्व..किस्मत बदली और वापस मिल गई कुर्सी..
सियासी किस्मत जनवरी में हो गए थे पूर्व..किस्मत बदली और वापस मिल गई कुर्सी..
पूर्व महापौर सुभाष शर्मा अब फिर होंगे महापौर, एक साल तक रहेंगे, जनवरी में खत्म हुआ था कार्यकाल
देवास। किस्मत इसे कहते हैं.. सियासी किस्मत जनवरी में हो गए थे पूर्व, किस्मत बदली और वापस घर बैठे कुर्सी मिल गई। सरकार भी भाजपा की बन गई। महीनों से नदारद रहे पूर्व महापौर अब फिर से महापौर बन गए। न कुछ किया न सोचा और सीएम शिवराज ने सौगात दी दी.. सोशल मीडिया पर चटखारे लिए गए मगर सवाल भी उठे कि संकट के इस दौर में महापौर अपनी जिम्मेदारी पर कितना खरा उतर सकेंगे क्योंकि पुराना कार्यकाल विवादों और आरोपो से घिरा रहा है।
वहीं बताया गया है की कोरोना संक्रमण के चलते सरकार के द्वारा लिए फैसले के अनुसार निकायों के चुनाव फिलहाल नहीं होंगे। हर निकाय में प्रशासकीय समितियां बनाई जाएंगी। नगर निगम में महापौर और नगर पालिकाओं में अध्यक्ष प्रमुख होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज यह घोषणा करते हुए कहा कि यह व्यवस्था करीब 1 साल तक लागू रहेगी। इसी के चलते पुन: एक बार फिर से घर बैठे-बैठे पूर्व महापौर को यह दायित्व मिला है जिसमें शहर के हालातों को देखते हुए उन्हें मैदान संभालना पड़ेगा, वहीं जनमानस का कहना है की जब से कोरोना संकट सामने आया है तब से पूर्व महापौर शहर में दिखाई नहीं दिए है। अब लगता है की पुन: शहर में घूम कर हालातों का तकादा लगाकर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कार्य करेंगे। वहीं सोशल मीडिया पर चर्चाएं भी जोरों पर है की कोरोना संक्रमण जैसी महामारी है जिसको लेकर उन्हें इस संकट से शहर को उबारना है, जबकि उनका पिछला कार्यकाल विवादों से घिरा रहा था। गौरतलब है की गत जनवरी में ही पिछली नगर निगम परिषद का कार्यकाल खत्म हुआ था।
वहीं भाजपा मीडिया प्रभारी भोपाल लोकेन्द्र पाराशर ने ट्वीटर पर ट्वीट कर लिखा है की नगर पालिका अध्यक्ष और चुने हुए पार्षद गण आगामी निकाय चुनाव से पूर्व तक प्रशासकीय समिति के रूप में कार्य करेंगे। वहीं बताया गया है की प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह आवश्यक कदम उठाया गया है।
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