100 रुपये से ज्यादा का बिल आये तो मत भरना, लाइट कट जाए तो मैं आऊंगा जोड़ने : शिवराज सिंह चौहान
बिजली के दो माह के बिल माफ हो : कांग्रेस
देवास। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष में रहते 11 सितंबर 2019 को विदिशा में भारतीय जनता पार्टी के घंटा नाँद आंदोलन को संबोधित करते हुए कहा था कि प्रदेश का कोई भी नागरिक 100 रुपये से ज्यादा बिजली का बिल आए तो मत भरना, अगर लाइट कट जाए तो मुझसे कहना मैं आकर जोडूंदुगा। शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि पिछले 2 माह से लाक डाउन के चलते लोग अपने घरों में कैद है वही सारे व्यापार-व्यवसाय बंद हो चुके हैं दूसरी ओर जो श्रमिक उद्योगों में काम कर रहे थे उन्हें भी फैक्ट्री मालिकों ने वेतन देने से मना कर दिया है दूसरी ओर विद्युत मंडल के द्वारा शहर में आज 2019 अप्रैल का बिजली का बिल मानकर 2020 में अप्रैल मैं उसी टैरिफ के मान से उपभोक्ताओं के बिजली के बिल दिए गए हैं बड़ी राशि के बिल तो उपभोक्ताओं को नहीं मिले हैं लेकिन s.m.s. के माध्यम से सभी को सूचना पहुंच गई है विद्युत मंडल की सूचना से शहर के विद्युत उपभोक्ताओं में हड़कंप मच गया एक और उन्हें जीवन व्यापन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है दूसरी ओर विद्युत मंडल के द्वारा इतनी राशि के बिल हेतु एस एम एस किऐ जाना समझ से परे है लोग मानसिक रूप से तनाव में आ गए हैं कि 22 सो रुपये से लेकर 3000 तक का बिजली का बिल वे कैसे भरेंगे । शहर कांग्रेस ने कहा है कि कमलनाथ जी ने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए जो टैरिफ प्लान बनाया था उस हिसाब से विद्युत उपभोक्ताओं से राशि ली जा सकती है ।दूसरी ओर संबल योजना के लागू हो जाने से भी जिनका रजिस्ट्रेशन है उन्हें तो हर माह मात्र 200रुपये ही चुकाना है ऐसे में बिना जांचे परखे विद्युत मंडल के द्वारा इतनी बड़ी राशि के बिल दिए जाना तर्कसंगत नहीं है। एक और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भरी सभा में कहते हैं कि 100 रुपये से ज्यादा का बिल आये तो मत भरना और आज जब फिर से वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए तो विद्युत उपभोक्ताओं पर भारी राशि के बिल लाद रहे हैं यह अनुचित है ।शहर कांग्रेस ने मांग की है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अप्रैल-मई माह के बिजली के बिल माफ करें और संबल योजना के अंतर्गत जिन के रजिस्ट्रेशन हैं उन्हें उस मान से आगामी समय में बिजली के बिल दिए जाएं । वहीं विद्युत मंडल को निर्देशित किया जाए कि वे उपभोक्ताओं पर अनाधिकृत रूप से दबाव नहीं बनाएं नहीं तो कांग्रेस को सड़कों पर आकर लॉकडाउन के बाद सामाजिक डिस्टेंस का पालन करते हुए आंदोलन करना पड़ेगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी सरकार कि व जिला प्रशासन की रहेगी ।
Comments