निर्भया प्रभारी ने दिखाया मानवता धर्म..प्रसूता बच्चे को पैदल लेकर जा रही थी, पुलिस वाहन से पहुंचाया..
जिला चिकित्सालय से प्रसूता को नहीं हुई एम्बुलेंस की व्यवस्था..
देवास। पिछले 45 दिनों से अधिक लॉकडाउन के चलते कई लोग संसाधनों की कमी के कारण परेशान होते देखे जा रहे हैं कुछ ऐसा ही दृश्य इंदौर से सतना अपने दो मासूम बच्चों को लेकर भीषण गर्मी में भोपाल रोड पर शुक्रवार को देखी गई थी। जिसके बाद आज शनिवार को एक प्रसूता महिला अपने मासूम नवजात को लेकर सिया घर की ओर जा रही है थी। जानकारी के अनुसार उक्त प्रसूता की डिलेवरी गत दिनों हुई थी जिसके बाद जिला अस्पताल से महिला की छुट्टी हो गई थी।

वहीं स्वास्थ्य सेवा को लेकर दो दिन पहले कलेक्टर, एसपी ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए दिशा निर्देश दिए थे लेकिन दो दिन के अंदर स्वास्थ विभाग की इस तरह की निष्क्रियता नजर आती है जिसमे एक प्रसूता अपने बच्चों को लेकर पग-पग घर की ओर कड़ी धूप में पैदल जाती है। स्वास्थ विभाग द्वारा अस्पताल में एंबुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए लेकिन नहीं होने से प्रसूता अपने 1 दिन के बच्चे को लेकर पैदल ही घर की और जा रही थी। वही कोरोना योद्धा पुलिस विभाग में हर कोई पुलिसकर्मी अपनी सेवा देकर आम लोगों को कोरोना जैसी भयानक संक्रमण बीमारी से निजात दिलाने के लिए सदैव तत्पर है।

कुछ ऐसा ही देवास कोतवाली में पदस्थ निर्भया प्रभारी सोनिया धाकरे शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल पर अपनी ड्यूटी दे रही थी उसी दौरान यह प्रसूता पैदल जा रही थी जिसकी जानकारी लेते हुए निर्भया प्रभारी सोनिया धाकरे ने बताया की उक्त प्रसूता की डिलीवरी होने के बाद छुट्टी हुई थी जिसको घर छोड़ने के लिए महिला की पीड़ा महिला द्वारा समझते हुए उनकी मदद की गई। प्रसूता को नवजात बच्चे को घर तक पहुंचाने के लिए कुछ इस तरह की मानवता पुलिस की एक बार फिर देखने को मिली। सेल्यूट है ऐसे पुलिसकर्मीयों को जो अपनी ड्यूटी को पूरी तन्मयता के साथ कर रही है।
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