शहर कांग्रेस अध्यक्ष पर दायर मुकदमा वापस लेने की कांग्रेस नेताओं ने की मांग..
शहर कांग्रेस अध्यक्ष पर दायर मुकदमा वापस लेने की कांग्रेस नेताओं ने की मांग
पूर्व महापौर ने सिविल लाइन थाने में जाकर पुलिस अधिकारियों के समक्ष अभद्रता की थी, उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया :- कांग्रेस
देवास। कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी एमपीईबी कार्यालय में कोविड-19 के नियमों को ध्यान में रखते हुए एसडीएम से अनुमति लेने के लिये सूचित करने के उपरांत ही अकेले धरने पर बैठे थे। उनके साथ वहां और कोई नहीं था, इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दबाव में आकर देवास पुलिस प्रशासन ने उनके खिलाफ जो मुकदमा किया वह बहुत ही निंदनीय है। लोगों की आवाज इस लोकतंत्र में उठाना गलत है क्या? कौन जनता की आवाज उठाएगा? लोगों के बिजली के बिल अधिक आ रहे हैं, शहर कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते जनता की आवाज उठाना उनका दायित्व है। जब भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विपक्ष में थे तब उन्होने जनता को बोला था कि 100 रूपए से ज्यादा कोई बिल मत भरना, अगर आपके घर की बिजली कोई काटता है तो मैं आकर जोडुंगा। आज जब शिवराज सिंह सरकार में बैठे हैं तो लोगों के हजारों रुपए के बिल आ रहे हैं। उनके द्वारा बोले गए शब्दों को याद दिलाने के लिए एक घण्टे का धरना सारे नियम को ध्यान में रखते हुए देवास की जनता के लिए दिया था। कोविड-19 वायरस के चलते लॉकडाउन होने की वजह से उनके बिल 3 माह के बिजली बिल माफ किए जाएं, ये माँग भी कि। आज जो मुकदमा उनके खिलाफ हुआ वह बहुत गलत और निंदनीय है। आज हमारे शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने जनता की आवाज उठाई तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दबाव में आकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। यह प्रशासन की तानाशाही है विगत दिनों पूर्व महापौर के द्वारा सिविल लाइन स्थित थाने में जाकर पुलिस अधिकारियों के समक्ष अभद्रता की गई उसके बावजूद उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया जबकि उन्होंने सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर काम किया था। कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि कांग्रेस अध्यक्ष पर दायर मुकदमा वापस लिया जाए। अगर समय रहते प्रशासन ने मुकदमा वापस नहीं लिया तो कांग्रेस को आंदोलन करना पड़ेगा।
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