सात दिनों में शहर से बाहर करना थे सूअर..12 दिनों के बाद भी जस के तस हालात..
सात दिनों में शहर से बाहर करना थे सूअर..12 दिनों के बाद भी जस के तस हालात
निगमायुक्त के निर्देशों की हो रही अव्हेलना, नहीं हो रहा पालन
क्या शहर हित में सख्त कदम उठा पाएंगे निगमायुक्त..!
(अमित व्यास)
देवास। शहर में साफ-सफाई का दौर तेजी से चल रहा है, कोरोना संक्रमण के चलते कंटेनमेंट क्षेत्र हो या इससे मुक्त क्षेत्र निगम के द्वारा सेनेटाईज का कार्य भी जारी है। लेकिन गंदगी के बीच हो रहे सूअरों को हटाने का कार्य निगम करने में असमर्थ दिखाई दे रहा है। पिछले दिनों सूअरों को हटाने के लिए जो निर्देश निगमायुक्त ने दिए थे, उस पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। करीब दो सप्ताह पूर्व निगमायुक्त ने सख्ती से निर्देश जारी करते हुए कहा था की सात दिनों के भीतर सूअरों को हटाया जाए। जो सूअरों को नहीं हटाएगा उसके विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराया जावेगा। लेकिन सूअर पालकों ने आयुक्त के द्वारा दिए गए निर्देश को हवा-हवाई कर छोड़ा है। जिसके कारण शहर के कई क्षेत्रों में सूअरों का आतंक बना हुआ है। ऐसे हालात देख एक सवाल यह भी बना हुआ है की क्या शहर हित में निगमायुक्त सख्त कदम उठाकर कार्रवाई कर पाएंगे।
शहरी सीमा क्षेत्र में आवारा सूअरों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर उन्हें शहर से बाहर भेजने के लिये नगर निगम आयुक्त विशालसिंह चौहान ने गत 3 जून को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर समस्त सूअर पालको से अपील की थी कि वह अपने पालतु सूअरो को 7 दिवस में शहरी सीमा क्षेत्रों से बाहर सुरक्षित स्थानो पर छोडें। शहर में आवारा सूअरो के विचरण करने से गंदगी फैलती है, जिससे आम नागरिको में संक्रमण का खतरा बना रहता है। उसके बावजूद शहर के अधिकांश क्षेत्रों में सूअरों को विचरण करना जारी है। वहीं कोरोना संक्रमण जिले में लगातार फैल रहा है, ऐसे में सूअरों को हटाना बेहद जरूरी है। निगमायुक्त के द्वारा दिए गए निर्देश के बाद उस पर अमल नहीं हो पा रहा है, जबकि निगमायुक्त के द्वारा दिए गए निर्देश को सख्ती से पालन करने को कहा गया था, उन्होनें आदेश जारी किया था की शहर में आवारा सूअरों के विचरण करते पाये जाने पर सूअर पालको के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराया जावेगा। उसके बावजदू शहर में सूअरों का जमावड़ा आसानी से देखने को मिल सकता है। कहा जाए तो शहर में सालों से यही देखने को मिला है की जब कोई अधिकारी निर्देश/आदेश जारी करते हैं तो उनके दिए गए निर्देशों की अव्हेलना होती है उस पर कोई अमल नहीं करता। फिर चाहे शहर के विकास व स्वास्थ्य की बात ही क्यों न हो।
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