गुरू शिष्य पर्व, गुरू पूर्णिमा के साथ रहेगा चंद्रग्रहण..साल का तीसरा चंद्रग्रहण 5 जुलाई को रहेगा, दिख सकती है खगोलिय घटनाएं..
गुरू शिष्य पर्व, गुरू पूर्णिमा के साथ रहेगा चंद्रग्रहण
साल का तीसरा चंद्रग्रहण 5 जुलाई को रहेगा, दिख सकती है खगोलिय घटनाएं
5 माह के बाद दो चंद्रग्रहण व एक सूर्यग्रहण और लगेगें, 2025 में रहेगा पूर्ण चंद्रग्रहण
देवास। इस वर्ष का चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को आषाड़ी पूर्णिमा को आ रहा है। इस दिन गुरू शिष्य परंपरा का पर्व गुरू पूर्णिमा भी मनाया जाएगा। ज्योषिचार्यों के अनुसार यह चंद्रग्र्रहण भारत में आंशिक रूप से दिखाई देने पर ज्योतिष शास्त्र इसे मान्यता नहीं दे रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार पूर्वषाढा नक्षत्र में ग्रहण आंशिक दिखाई देगा। वहीं कुछ विद्वान पंडितो के मुताबिक ग्रहण कोई भी हो यह लोगों के जीवन पर प्रभाव जरूर डालता है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस ग्रहण काल में सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह ग्रहण भारत में आंशिक व दक्षिण एशिया के कुछ हिस्से अमेरिका, यूरोप व आस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। इस वर्ष 2020 में कुल 6 ग्रहण आएंगे। इसमें दो चंद्र गहण 10 जनवरी, 5 जून व एक सूर्य ग्रहण पिछले दिनों 21 जून को लग चुके हैं। आगामी दिनों में दो चंद्र ग्रहण व एक सूर्य ग्रहण और लगेंगे। अगल माह 5 जुलाई को चंद्रग्रहण लगेगा, इसके बाद 5 महीने 25 दिन के बाद 30 नवंबर को चंद्रग्रहण व 14 दिसंबर 2020 को पूरा सूर्यग्रहण होगा। ज्योषिचार्यों के के मुताबिक हम भारत में नहीं देख पाएंगे। यह साल 2020 हैं जिसमें ऐसी बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही है, बताया जा रहा है की या तो पहले कभी कोई बड़ी घटनाएं नहीं हुई या फिर बहुत वर्षों पूर्व हुई थी। सबसे पहले इस वर्ष की शुरूआत में एक ग्र्रहण आया था, जो 10 जनवरी को लगा था। इसके बाद महामारी काल शुरू हुआ। साल का तीसरा चंद्रग्रहण 5 जुलाई पूर्णिमा तिथि को लगने वाला है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन ग्रहण कोई भी हो सभी लोगों के ऊपर अपना प्रभाव छोड़ता है। ज्योषियों के अनुसार कोई भी ग्रहण अच्छा नहीं माना जाता है। यह तीसरा ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन इससे पहले के दो ग्रहण आए हैं उन दो ग्रहणों का प्रभाव हमारे देश पर भी हुआ है और रशियों पर भी गहरा असर देखने को मिला है। एक माह में तीन ग्रहण एक साथ आना बहुत बड़ा संयोग होता है।
चंद्रग्रहण को सूतक काल मान्य नहीं होगा
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार साल के तीसरे चंद्रग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा क्योंकि यह भारत में बहुत ही सूक्ष्म रूप में नजर आएगा। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक ग्रहण में लगने वाला सूतक काल एक अशुभ समयावधि होती है। यह सूतक काल चंद्रग्रहण लगने से तीन पहर अर्थात 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है, जो ग्रहण समाप्ति के साथ खत्म होता है। इस दौरान कई शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है।
पूर्ण चंद्र ग्रहण 2025 में दिखाई देगा
संपूर्ण चंद्रग्रहण 7 सितंबर 2025 में देखने को मिलेगा। वैसे सामान्यत: एक वर्ष में 4 ग्रहण लगते हैं इसमें दो सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण, लेकिन कभी-कभी इससे ज्यादा भी ग्रहण आ जाते हैं। 2024 में तीन चंद्रग्रहण और दो सूर्यग्रहण लगेंगे। ऐसे ही 2027 में भी ग्रहण आएंगे। ज्योषियों के अनुसार 2029 हमारे लिए खास होगा, तब यहां चार सूर्यग्रहण और दो चंद्रगहण देखने का मौका मिलेगा।
5 जुलाई को चंद्र ग्रहण का यह रहेगा समय
ज्योषियों के अनुसार 5 जुलाई को सुबह 8.38 बजे उपच्छाया से पहला स्पर्श, सुबह 9.59 बजे परमग्रास चंद्रग्रहण दोपहर 11.21 बजे उपच्छाया से अंतिम स्पर्श। उपच्छाया की अवधि कुल 2 घंटे 43 मिनिट 24 सेकंड रहेगी।
इस वर्ष के 6 ग्रहण
पहला चंद्रग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है, दूसरा चंद्रग्रहण 5 जून को लग चुका है। तीसरा सूर्य ग्रहण 21 जून को लग चुका है। चौथा चंद्रगहण 5 जुलाई को लगेगा, पांचवा चंद्रग्रहण 30 नवंबर को लगेगा व अंतिम छठा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा।
दिखाई दे सकती है खगोलिय घटनाएं
जुलाई महीने में पानी बरसने के साथ ही आकाश में कई खगोलीय घटनाएं भी नजर आएंगी। 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। 14 जुलाई को सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह गुरु, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होगें। 20 जुलाई को सबसे सुंदर ग्रह शनि (सेटर्न) पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर होगें। 28 जुलाई को मौसम साफ रहने पर रात में तारों की बारिश दिख सकती है।
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