ऐसा कैसा सम्मान.. कोरोना फाइटर के स्थान पर कर दिया 5 अन्य कर्मचारियों का सम्मान

ऐसा कैसा सम्मान.. कोरोना फाइटर के स्थान पर कर दिया 5 अन्य कर्मचारियों का सम्मान
फिल्ड पर कार्य करने वाले चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ रहे उपेक्षित..
देवास। कोरोना कोविड-19 के अंतर्गत स्वास्थ विभाग के कर्मवीर योद्धाओ जैसे चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ का मनोबल बढ़ाने के लिए जिले के प्रभारी उपसंचालको/संयुक्त संचालकों के माध्यम से मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को स्वास्थ्य आयुक्त के हस्ताक्षरित बिना नाम भरे हुए कलर प्रमाण पत्र की एक-एक हार्ड कॉपी जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को उपलब्ध कराए जाने के लिए व्यवस्था शासन स्तर से की गई थी।
कल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को जिलाधीश द्वारा यह प्रमाणपत्र वितरित किये गए। जिले में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले कोविड-19 कर्मवीर योद्धाओं आइसोलेशन वार्ड प्रभारी जिला अस्पताल देवास डॉ. अतुल पवनीकर, फीवर क्लिनिक नोडल ऑफिसर जिला चिकित्सालय डॉ अवनीश श्रीवास्तव, बीएमओ टोंकखुर्द डॉ महेशकुमार धाकड़, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. कर्तव्य कुमार तिवारी, मेडिकल ऑफिसर हाटपिपलिया डॉ जीवन यादव, जिला कार्यक्रम प्रबंधक कामाक्षी दुबे, सहायक कार्यक्रम प्रबंधक स्वीट यादव, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन अधिकारी करणसिंह सदावत, डीईओ डीपीएमयू मिलिन्द शर्मा एवं रैपिड रिस्पांस टीम के स्वप्निल अजनार, राजेश दुबे, एएनएम सपना यादव तथा आशा कार्यकर्ता श्रद्धा देशमुख को स्वास्थ आयुक्त के हस्ताक्षर युक्त प्रशंसा पत्र कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला द्वारा प्रदान किए गए।

       यह प्रमाण पत्र जिले में कोविड-19 के अंतर्गत स्क्रीनिंग, सेंपलिंग व अन्य जोखिम पूर्ण कोविड-19 कर्मविर योद्धाओं जो उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों को जिले की मॉनिटरिंग दल के सदस्यों की अनुशंसा अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के स्व विवेक से उत्कृष्ट कोविड-19 कर्मवीर स्वास्थ्य योद्धाओं का नाम तय किया जाकर प्रमाण पत्र बनाए जाने थे, किंतु देवास जिले की प्रभारी डॉ अर्चना मिश्रा भोपाल द्वारा बिना मॉनिटरिंग दल सदस्यों तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से बिना विचार विमर्श किए बिना ही दे दिए गए। वहीं जिले के भी कई ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारी थे जिन्होनें परस्पर फिल्ड पर रहकर कार्य किया था। जिसमें शिप्रा की एक स्वास्थ्य कर्मचारी महिला जो की एएनएम हैं। यहां तक की उन्हें खुद मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर उत्कृष्ट कार्य करने पर उनकी हौंसला अफजाई तक की थी। सम्मान करने में ऐसे कर्मचारियों की उपेक्षा की गई।
इन पांच कर्मचारियों को मिले प्रमाण पत्र
जिले के ऐसे 5 कर्मचारियों में कमाक्षी दुबे -डी पी एम, स्वीटी यादव- ए पी एम, करण सिंह सदावत-एम एण्ड ई, सपना यादव -ए एन एम (आरबीएस के), श्रद्धा -आशा कार्यकर्ता के नाम प्रमाण पत्र बना दिए गए जिन्होंने कभी भी कोई कोविड-19 के अंतर्गत जोखिम भरा कार्य नहीं किया। सूत्रों का कहना है की इसका कारण यह रहा कि यह सभी कर्मचारी उच्च जाति के होकर अर्चना मिश्रा के सेवा में तत्पर रहते हैं।
सूत्रों का कहना है की इन 5 कर्मचारियों के नाम प्रमाण पत्र बनाने की जानकारी मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों को भी नहीं दी गई थी। जो चिकित्सक दिन रात कोविड-19 के अंतर्गत जोखिम भरा कार्य कर रहे हैं प्रशस्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया जाकर इनका उपेक्षा किया गया, क्योंकि वे केवल अपने समर्पित कार्य में ही विश्वास करते हैं, चमचागिरी नहीं करते एवं अनुसूचित जाति के भी हैं। उक्त कृत्य से कोविड-19 में निरंतर जोखिम भरे कार्य कर रहे चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ में घोर असंतोष एवं आक्रोश है। कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला के संज्ञान में इस अनियमितता को लाकर मांग की गई है कि जिले की प्रभारी डॉ अर्चना मिश्रा द्वारा जो पक्षपात पूर्ण 5 कर्मचारियों के प्रमाण पत्र बनाए गए हैं व जिला चिकित्सालय के एक कार्यक्रम में कलेक्टर के उपस्थित होने के दौरान उनके हस्ते वितरित कराए गए हैं। इन 5 कर्मचारियों से प्रशस्ति प्रमाण पत्र तत्काल वापस लिए जा कर डॉ अर्चना मिश्रा भोपाल एवं इसमें संलिप्त कर्मचारियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।

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