संस्था सिद्धि विनायक ने दी दिवंगत महाराज को श्रद्धांजलि..नम आंखों से बोले सदस्य-बहुत याद आते हैं महाराज..

संस्था सिद्धि विनायक ने दी दिवंगत महाराज को श्रद्धांजलि..नम आंखों से बोले सदस्य-बहुत याद आते हैं महाराज..
देवभोग पर सांसद सहित अन्य भाजपा पदाधिकारियों ने अर्पित किए श्रद्धासुमन
संस्था संयोजक व विधायक प्रतिनिधि जैन ने कहा- देवास के दिल में बसे हैं महाराज

देवास। सियासत का वट वृक्ष जिसकी छांव में कई पौधे उगे। कई पेड़ बने..। एक सागर जिसमें कई सरिताएं विलीन हुई। एक शख्स जो शख्सियत बनकर लोगों के दिलों पर राज करती रही…महाराज। एक नाम, एक पद या एक संबोधन नहीं बल्कि एक विराट व्यक्तित्व जिसने इस शहर व शहर के लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। वे देवास के रहे तो देवास उनका। एक-दूसरे के पर्याय..। देह छूट गई मगर रूह अब भी इस शहर और शहर के बाशिंदों के दिलों में बसी है। रह-रहकर हर शख्स पुकारता है उन्हें..महाराज..बहुत याद आते हैं आप..।
        मप्र शासन के कैबिनेट मंत्री, देवास रियासत के महाराज दिवंगत तुकोजीराव पवार को हमसे बिछड़े पांच बरस हो गए। उनकी पुण्यतिथि पर शक्रवार को भाजपा सहित उनसे जुड़े लोगों ने अपने तरीके से उन्हें याद किया। गैरराजनीतिक लोगों की आंखें भी छलकी और महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसी कड़ी में संस्था सिद्धि विनायक ने आयोजन कर दिवंगत महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। संस्था के संयोजक रवि जैन ने बताया कि सुबह 10.30 बजे संस्था द्वारा चलाए जा रहे देवभोग पर सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल सहित संस्था सदस्यों ने महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन किया। इसके बाद मौन रहकर संस्था सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और आत्मीय कृतज्ञता व्यक्त की। बाद में संस्था की ओर से भोजन वितरण किया गया। दोपहर करीब दो बजे तक यह आयोजन चला, जिसमें आम और खास ने भोजन प्रसादी ग्रहण की। संस्था संयोजक रवि जैन ने सभी का आभार माना।


देवास के दिल में है महाराज
रवि जैन ने बताया कि महाराज का जब भी उनका जिक्र आता है तो हर आंख भर आती है। हर दिल गमगीन हो जाता है। हर जुबां उनके किस्से सुनाने लगती है। उनकी जिंदादिली की कई दास्तानें हैं जो जनमानस के स्मृतिपटल पर अंकित है। चाहे राजनीति की बात हो या राजनीति से हटकर, हर मामले में उन्होंने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया और यही वजह रही कि राजनीति में उनके विरोधी भी अदब से उनका नाम लेते थे…और आज भी लेते हैं। राजनीति की जो पौध, जो पेड़ आज देवास में नजर आ रहे हैं उनको सींचने में दिवंगत पवार का अहम योगदान है। उनकी छत्रछाया में कइयों ने राजनीति का हुनर सीखा। ऐसे जननेता के साथ सीखना, काम करना जीवन की बड़ी उपलब्धि है। मैं तो यही कहता हूं कि वे यहीं हैं। हम सबके बीच। हमारे दिलों में बसे हैं। देवास महाराज के दिल में है और महाराज देवास के दिल में।

 

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