जल संरक्षण की दिशा में अनोखी पहल, नल लगाओ-जल बचाओ..
जल संरक्षण की दिशा में अनोखी पहल, नल लगाओ-जल बचाओ..
पीपलकोटा के युवाओं ने जल संरक्षण के लिए उठाया कदम
देवास। गांव में युवा इन दिनों टूटी पड़ी टोटियों को बदलकर पानी की बर्बादी को रोक रहे हैं। नल लगाओ-जल बचाओ मुहिम के तहत जल बर्बादी को रोक रहे हैं। उनके इस कदम से उनकी खूब तारीफ हो रही है। दरअसल गांव में युवाओं ने अपना युवा शक्ति युवा मंडल बनाया हुआ है। इसी मंडल के माध्यम से सभी युवा मिलकर सार्वजनिक हित के कार्यों को कर रहे हैं। नेहरू युवा केंद्र के प्रमुख अरविंद श्रीधर व अनिल जैन के साथ एनवाईवी रचना पेठारी के मार्गदर्शन में युवाओं ने गांव में जल संरक्षण अभियान की शुरुआत की है। यह सभी युवा गांव के घर-घर जाकर लोगों से दान में टोटियां मांग रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता व मंडल अध्यक्ष रूपराम पेठारी ने कहा कि लोगों से दान में मिली टोटियां और हमारे द्वारा लकड़ी की बनाई गई टोटियों को उन नलों में लगाएंगे जिनकी टोटियां टूटी हुई है या जहां नलकी में टोटियां ही नहीं है। जल संरक्षण अभियान के तहत पानी बर्बाद होने से रोकने के लिए यह युवा अपने गांव में खुद अभियान चला रहे हैं। अभियान के तहत यह लोग घर-घर जाकर टोटियां मांगते हैं।
जहां भी जिस घर में नलकी से व्यर्थ बहता पानी देखते हैं, और जहां से टोटियां मिल जाती हैं, उन्हें तुरंत ही नलकी में लगा देते हैं। यहां तक कि युवा बेझिझक होकर बकायदा झोली फैलाकर टोटियां और जल को व्यर्थ ना बहाने की भीख मांगते हैं। युवाओं के इस कदम की सभी जगह खूब सराहना की जा रही है। मंडल के रोहित बोरखेरे ने बताया कि मंडल सदस्य अधिकांश खुशियों के मौके पर लोगों को टोटियां दान करने के लिए प्रेरित करते हैं। गांव के लोगों को युवा बताते हैं कि कहां-कहां पर टोटियां खराब होने के कारण जल की बर्बादी हो रही है। इसके बाद टोटियां दान करवाकर वहां लगाते हैं। टोटियां नहीं मिलने पर खुद के द्वारा बनाई गई लकड़ी की टोटियां लगाकर पानी को व्यर्थ बहने से रोकते हैं।
श्रमदान कर गड्ढे बना रहे
गांव के सभी हैंडपंप के पास ही सोख्ता गड्ढा बनाकर बारिश और पंप के पानी को भूमिगत संचय करने में भी मंडल भरसक प्रयास कर रहा है। जनपद सदस्य जगदीश गोरस्या कहते हैं कि अब संगठित होकर जल संरक्षण एक मुहीम बन उठे तो बात ही बन पड़ेगी क्योंकि यह समस्या हम सभी की है और हम सबको मिलकर ही इसका निदान करने की आवश्यकता है। जीआरएस राकेश गोरस्या और सरपंच प्रतिनिधि गंगाधर राठौर बताते हैं कि कुछ लोग चिपको आंदोलन को सिर्फ पेड़ बनाने के आंदोलन के रूप में पहचानते हैं, किंतु इस आंदोलन का नारा आंदोलन की व्यापकता प्रस्तुत करता है। क्या है जंगल के उपकार-मिट्टी पानी और बयार। मिट्टी पानी और बयार-जिंदा रहने का आधार। आमतौर पर देखा जाता है कि बहुत कम लोग हैं जो जल संरक्षण पर गंभीर होते हैं, परंतु मंडल सभी को साथ लेकर जल संरक्षण कि दिशा में आगे बढ़ रहा है। मंडल के ओमप्रकाश सिटोले, हरिओम पेठारी, तुलसीराम चित्रकार, अशोक, विनोद, लोकेश, रामचंद्र, संदीप, विक्की इत्यादि मिलकर अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
Comments