हॉट सीट हाटपीपल्या में नए समीकरण...चौधरी-जोशी की सियासी तकरार के बीच जिराती का नाम चर्चा में....

हॉट सीट हाटपीपल्या में नए समीकरण…चौधरी-जोशी की सियासी तकरार के बीच जिराती का नाम चर्चा में….
–विजयवर्गीय समर्थक जीतू जिराती को बनाया है हाटपीपल्या का प्रभारी, अस्वस्थ होने के बावजूद पहुंचे थे बैठक लेने, गाडिय़ों के काफिलों ने दिया नई चर्चा को जन्म..
देवास। जिले की हॉट सीट बनी हाटपीपल्या में राजनीतिक समीकरण बन-बिगड़ रहे हैं। कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए मनोज चौधरी का टिकट तय माना जा रहा है तो पूर्व मंत्री दीपक जोशी की नाराजगी भी सामने आ रही है। इसके चलते भाजपा संगठन चिंतित है और शिकवा-शिकायतों का दौर चल रहा है। इन सबके बीच हाटपीपल्या उपचुनाव के लिए प्रभारी बनाए जीतू जिराती को लेकर क्षेत्र में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कहा जा रहा है कि जीतू जिराती भी हाटपीपल्या में अपनी सियासी संभावनाएं तलाश रहे हैं और इसी के चलते अस्वस्थता के बावजूद गत दिनों वे लाव-लश्कर के साथ हाटपीपल्या पहुंचे।
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक मनोज चौधरी कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए है। इस कारण हाटपीपल्या में चुनाव होने हैं। इस सीट पर चौधरी ने पूर्व मंत्री जोशी को हराया था। जोशी की नाराजगी भी सामने आ चुकी है और विकल्प खुले होने की बात कहकर संगठन पर दबाव बना रहे हैं। चौधरी और जोशी के बीच राजनीतिक रिश्ते भी ठीक नहीं है। हाटपीपल्या सीट से ही दूसरे दावेदार भी हैं जिनकी नाराजगी भी सामने आ चुकी है। ऐसे में उपचुनाव को लेकर भाजपा संगठन चिंतित है। जोशी समर्थक अब भी ये मानकर चल रहे हैं कि ऊंच-नीच होने पर चौधरी का टिकट होल्ड किया जा सकता है। ऐसे में प्रभारी बनाए गए जीतू जिराती भी हाटपीपल्या में जमीन तलाश रहे हैं।


प्रभारी की नजरें सीट पर तो नहीं….?
हाल ही में गुरुवार को हाटपीपल्या विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा प्रबंध समिति की बैठक थी। इसमें प्रभारी जिराती भी आए लेकिन उनके आने का तरीका कई चर्चाओं को जन्म दे गया। जिराती इन दिनों अस्वस्थ हैं बावजूद वे हाटपीपल्या पहुंचे और सिर्फ पहुंचे ही नहीं अपने साथ दर्जनभर गाडिय़ों का काफिला भी लाए। इसे लेकर चर्चा हुई कि खाती वोट बहुत इस सीट पर कहीं जिराती की निगाह तो नहीं। चूंकि जिराती भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से जुड़े हैं और विजयवर्गीय को भाजपा संगठन ने मालवा-निमाड़ की सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है। ऐसे में चर्चा चल रही है कि कहीं ऐसा न हो कि चौधरी का टिकट होल्ड करवाकर विजयवर्गीय जिराती के नाम का पांसा फेंक दें क्योंकि भाजपा की सियासत में इन दिनों विजयवर्गीय का कद सिमटा हुआ रह गया है और गत दिनों अपने समर्थक विधायक रमेश मेंदोला को मंत्रिमंडल में जगह न मिल पाने के बाद इसकी चर्चा भी जोरों पर हैं कि कहीं कैलाश विजयवर्गीय को मप्र से बाहर तो नहीं रखा जा रहा। ऐसे में जिराती को हाटपीपल्या का प्रभारी बनाना और बैठक में काफिले के साथ पहुंचना क्षेत्र में जनचर्चा का विषय बना हुआ है।

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