औद्योगिक थाना क्षेत्र में गत माह मिले शव का हुआ खुलासा..
औद्योगिक थाना क्षेत्र में गत माह मिले शव का हुआ खुलासा
प्रेम संबंध उजागर होने पर करवाई थी पत्नी ने पति की हत्या
दो लाख रूपए के लालच में पति को पत्नी ने रास्ते से हटाया था
पत्नी व प्रेमी सहित तीन अन्य गिरफ्तार..
देवास। शहर के औद्योगिक थाना क्षेत्र में आड़ी पट्टी मल्हार कॉलोनी रहने वाली छाया पति भगवान सिंह पिता अमरसिंह 25 वर्ष ने 12 जून को गुमशुदगी दर्ज कराई थी की, उसका पति भगवान सिंह पिता अमर सिंह चौधरी 30 वर्ष कहीं चला गया है। औद्योगिक थाना प्रभारी अनिल शर्मा ने गुमशुदगी की जांच कर मामले की विवेचना कर उसकी पत्नी छाया से पूछताछ की तो उसने बताया कि मेरा लखन पिता बहादुर से प्रेम संबंध होने के कारण मेरे पति भगवान सिंह को आपत्ति थी और मेरा प्रेम संबंध मेरे पति को मालूम पड़ गया था इस कारण मैंने मेरे पति को रास्ते से हटाने की योजना बनाई और मेरे प्रेमी लखन पिता बहादुर और उसके तीन अन्य साथी अकील उर्फ अक्कू व दो नाबालिक ने मिलकर भगवान सिंह पिता अमर सिंह चौधरी 30 वर्ष कि पेट्रोल डालकर आग लगाकर हत्या कर उसके शव को बाईपास स्थित नाले में फेंक दिया।
इसकी झूठी कहानी बनाकर रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंच गई लेकिन पुलिस ने आसपास महिला के चरित्र के बारे में पता किया तो मालूम पड़ा कि महिला का प्रेम संबंध लखन पिता बहादुर से चल रहा था इसी आधार पर सबसे पहले महिला को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने नाले में फेंकी गए शव की अस्थियां भी बरामद कर ली है। पुलिस अधीक्षक डॉ शिवदयाल सिंह ने खुलासा करने वाली औद्योगिक थाना प्रभारी अनिल शर्मा व टीम की को दस हजार रुपये से पुरस्कृत की घोषणा की है।
यह पूरा मामला, ऐसे बनाई योजना
भगवान सिंह ग्राम सिलाखेड़ी भटोनी थाना जिला उज्जैन का रहने वाला है। उसकी शादी वर्ष 2013 में छायाबाई से हुई थी। शादी के बाद भगवान सिंह अपने गांव की जमीन व मकान 8 लाख रूपए में बेचकर देवास आ गया था। देवास आकर वह आड़ी पट्टी मल्हार में मकान खरीदकर रह रहा था साथ ही रूची सोया कंपनी में नौकरी करने लगा था। भगवान के दो बच्चे एक 4 वर्ष व डेढ़ वर्ष के हैं। आड़ी पट्टी में भगवान की पत्नी छाया की दोस्ती लखन पिता बहादुर निवासी आड़ी पट्टी से हो गई थी। इसके साथ ही दोनों के बीच अवैध संबंध भी स्थापित हो गए थे। दोनों के बीच प्यार का परवान इतना हो गया की भगवान के बैंक खाते में रखे 2 लाख रूपए के लालच में दोनों ने भगवान सिंह को रास्ते से हटाने का सौदा कर लिया था। 11 जून की रात्रि को भगवान सिंह अपने घर पर सो रहा था। उसी बीच छाया ने अपने प्रेमी को फोन लगाकर बुलाया और दस हजार रूपए दिए थे। जिसके बाद देर रात्रि को लखन अपने साथी अकील उर्फ अक्कू निवासी सिल्वर कॉलोनी के साथ भगवान सिंह के घर पहुंचा जहां दोनों को 5-5 हजार रूपए इस कार्य के लिए देकर प्लानिंग की जिसमें छायाबाई ने इस कार्य के लिए अपने दोनों नाबालिक भतीजों को भी शामिल कर लिया था। रात में सो रहे भगवान सिंह को पहले ल_ से एक नाबालिक युवक ने मारा व पत्नी छाया ने धारदार हथियार से तकीये से मुंह दबाकर मार डाला था।
पत्नी ने पति के शव को लूना से ले जाकर फेंका था
भगवान सिंह को मारने के बाद उसकी लाश को बोरे में भरकर छाया ने अपनी टीवीएस एक्सल लूना से शंकरगढ़ पहाड़ी के पास पुलिया के पाईप में ले जाकर फेंक दिया था। भगवान की पत्नी छाया ने खूने से सने कमरे की सफाई कर कपड़ों को रात में ही जला दिया था। घटना के 5-6 दिन के बाद अकिल और अक्कू ने शंकरगढ़ के पास पुलिया के नीचे भगवान के शव को पेट्रोल डालकर सबूत मिटाने की नियत से जला दिया था।
इस जघन्य हत्याकांड में शामिल पांचों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही धारा 302, 201, 120-बी, 34 में अपराध पंजीबद्ध कर पांचों को न्यायालय में पेश किया गया है।
इनकी रहा सराहनीय कार्य
उक्त आरोपियों को पकडऩे में थाना प्रभारी अनिल शर्मा, सउनि केके परमार, मआर. नेहा सिंह ठाकुर, आर. रूपेश, जितेन्द्र, शिवप्रताप सिंह सेंगर, संतोष रावत व जितेन्द्र व्यास की भूमिका रही सभी को पुलिस अधीक्षक डॉ शिवदयाल सिंह ने 10 हजार रूपए से पुरूस्कृत करने की घोषणा की है।
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