आजादी के 74 साल बाद भी पक्की सड़क से अछूता, हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र का नारायणगढ़ मकोडिया..
आजादी के 74 साल बाद भी पक्की सड़क से अछूता, हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र का नारायणगढ़ मकोडिया
रोड़ नहीं तो वोट नहीं.., ग्रामीण करेंगे आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार, जो भी गांव में वोट मांगने आएगा उसका जूते की माला पहनाकर सम्मानित करेंगे
देवास। जिले में विकास की बात तब बेमानी लगती है। जब किसी गांव के संपर्क पथ का पक्कीकरण आजादी के 74 साल बाद भी नहीं किया जा सका हो। बात शहरीय सीमा से करीबन 14 किमी दूर स्थित ग्राम नारायणगढ़ मकोडिय़ा गांव की है। पहले यह गांव देवास विधानसभा में लगता था, लेकिन अब हाटपीपल्या विधानसभा के कुमारिया ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है। वरिष्ठ ग्रामीण सिद्धनाथ पटेल ने बताया कि मैं 85 वर्ष का हूँ, लेकिन जबसे मेरा यहां जन्म हुआ है तब से आज तक इस गांव में हमने सडक़ ही नहीं देखी। सरकार बड़े-बड़े वायदे करती है, लेकिन हमारी गांव की 2.5 किमी की सडक़ आजादी के बाद से निर्माण की राह देख रही है। गांव में 800 से 1000 लोग निवास करते है। रोड़ का निर्माण नही होने से ग्रामीणजनों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
गांव में यदि कोई बीमार होता है तो उसे एक दिन पहले क्षिप्रा ले जाना पड़ता है। गांव में मेहमान एक बार आ जाए तो दूसरी बार आने का नाम नहीं लेता। बारीश में स्कूल की बसें तक नहीं आ पाती। इस मार्ग पर गाड़ी चलाना तो दूर, लोगों पैदल चलना मुश्किल है। ग्रामीण अपने बच्चों को कंधे पर बैठकार स्कूल बस तक ले जाते है। गांव की बदतर सडक़ हालत के कारण लडक़े-लड़कियों के रिश्ते तय नही हो पाते। जिसके कई उदाहरण है। ग्रामीण हर वर्ष पैसा एकत्रित कर सडक़ पर मुरम डलवाते है। यह भी बात नहीं कि, जनप्रतिनिधि भी इस बात से अनजान हो। बल्कि, इसके लिए कई बार गुहार भी लगाई गई। यहां तक कि छोटे-छोटे गांवों की सडक़ों का भी जीर्णोद्धार प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री सडक़ योजना के तहत पक्कीकरण कर पूरा कर दिया गया है। लेकिन, इस सडक़ के प्रति प्रशासन अथवा जनप्रतिनिधियों की उदासीनता लोगों की समझ से परे बने हुए हैं। चुनाव के समय सभी पूर्व विधायक गांव आए और सडक़ बनाने की घोषणा की, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई विधायक दूसरी बार गांव नहीं आया। जिससे साफ होता है जनप्रतिनिधि भी चुनाव के समय ही घोषणा करते है और लोगों को ढांढस बंधाकर वोट ले जाते है। गांव के भगवान पटेल, उमेश पटेल, सचिन पटेल, अर्जुन पटेल, घनश्याम पटेल, नीतिन पटेल एवं स्वप्निल पटेल ने बताया कि ग्रामीणों ने संकल्प लिया है कि जब तक हमारे गांव नारायणगढ़ मकोडिय़ा पहुंच मार्ग का निर्माण नहीं होता हम किसी को वोट नहीं देंगे और जो भी गांव में वोट मांगने आएगा उसका जूते की माला पहनाकर सम्मानित करेंगे। ग्रामीणों ने रोड़ नही तो वोट नही का संकल्प लेकर आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया। रोड़ नहीं बनने पर ग्रामीणों ने हाथ में तख्ती लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
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