कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, क्षेत्रीय विधायक ने नेमावर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का नाव पर किया निरिक्षण..

कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, क्षेत्रीय विधायक ने नेमावर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का नाव पर किया निरिक्षण
प्रभावित लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग की टीम मुस्तैदी से तैनात

 

देवास। कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला, पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयालसिंह एवं विधायक खातेगांव आशीष शर्मा ने नेमावर में नर्मदा नदी के जल स्तर बढऩे व बाढ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। इस दौरान एसडीआरएफ की टीम, अन्य जनप्रतिनिधिगण, जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग के अधिकारीगण/कर्मचारीगण मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री शुक्ला, पुलिस अधीक्षक डॉ. सिंह, विधायक श्री शर्मा ने नाव में बैठकर बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान कलेक्टर श्री शुक्ला ने कहा कि आगामी दो दिन विशेष सावधानी बरतने के हैं। इन दो दिनों में नर्मदा नदी का जल स्तर और बढ़ सकता है। इसलिए हमें और सावधानी बरतना है तथा राहत एवं बचाव कार्य को सतत जारी रखना है। उन्होंने 12 नावों से पेट्रोलिंग करने के निर्देश भी दिए। पेट्रोलिंग में एसडीआरएफ एवं ट्रेफिक पुलिस व अन्य अधिकारीगण निगरानी रखेंगे। एसडीआरएफ, जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग की टीम मुस्तैदी से तैनात है तथा लगातार राहत एवं बचाव कार्य कर रही है।

 

 निरीक्षण के दौरान ने बताया गया कि अतिवृष्टि के कारण 15 हजार लोगों प्रभावित हुए हैं। इसमें कोई भी जनहानि नहीं हुई है। अतिवृष्टि के कारण 230 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा 8 हजार लोगों को भोजन के पैकेट जिला प्रशासन द्वारा प्रदान किए गए हैं तथा 4 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर ठहरने की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर श्री शुक्ला ने एसडीएम खातेगांव को निर्देश दिए कि वे अतिवृष्टि से नुकसानी का आकंलन तैयार करे। जिससे प्रभावित लोगों को राहत राशि मिल सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बाढ़ से जिन लोगों के कपड़े, राशन बह गए हैं उनका भी आकंलन करें। कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं विधायक व अन्य जनप्रतिनिधिगणों ने नर्मदा का जल स्तर भी देखा। बताया गया कि वर्तमान में करीब 3 फीट से अधिक जल स्तर कम हो गया है, स्थिति सामान्य है। बताया गया है की जिले के नेमावर में नर्मदा के जलस्तर में मामूली कमी आई है। शाम तक नर्मदा का जलस्तर 903 फीट पर था। यह खतरे के निशान से करीब 18 फीट ऊपर है। निचली बस्तियों में पानी भरा हुआ है। यहां रहने वाले 600 से अधिक लोगों को प्रशासन ने स्कूल व धर्मशालाओं में बनाए राहत शिविरों में पहुंचाया है। लोगों का कहना है कि इस प्रकार की बाढ़ 1962 व 1973 में आई थी। रविवार को कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला और एसपी डॉ. शिवदयालसिंह ने बाढग़्रस्त इलाके का दौरा किया। स्थिति यह थी कि नाव पर सवार होकर शहर घूमना पड़ा। कलेक्टर शुक्ला ने कहा कि बचाव कार्य जारी है। नुकसान के आंकलन में एक-दो दिन का समय लगेगा। नर्मदा उफान पर होने से नेमावर पुल से आवागमन ठप हो गया है।

 

        कलेक्टर श्री शुक्ला ने एसडीएम खातेगांव को निर्देश दिए कि प्रभावितों को राहत शिविर में ठहराने के दौरान किसी भी प्रकार की तकलीफ ना हो का विशेष ध्यान रखा जाएं। उन्होंने शिविर में चिकित्सक की उपस्थिति सुनिश्चित कराते हुए सभी के लिए भोजन, पीने के लिए पानी तथा बिस्तर एवं अन्य वस्त्रों के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए है। पुलिस अधीक्षक डॉ. सिंह ने कहा कि राहत बचाव कार्य में 8 थानों का दल बल लगा हुआ है। इनके साथ एसडीआरएफ की टीम, ग्रामीणजन व करीब 500 से अधिक शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों को राहत बचाव कार्य में लगे हुए हैं। इन दलों ने दिन रात रेस्क्यू कर लोगों का सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। उन्होंने पुलिस एवं ट्रेफिक विभाग को निर्देश दिए कि नर्मदा नदी पुल पर आवागमन को एक दो दिन के लिए बंद किया जाए। अतिवृष्टि के कारण पुल क्षतिग्रस्त तो नहीं हुआ है। इसकी जांच कर ही पुल पर आवागमन प्रारंभ किया जाए। पीडल्यूडी विभाग के इंजीनियर पुल की जांच कर पुल पर आवागमन प्रारंभ करें। यातायात विभाग नगर में यातायात को सुचारू करें। पुलिस अधीक्षक डॉ. सिंह ने नेमावर में एक व्यक्ति जिसे कमर में परेशानी थी उसकी रेस्क्यू कर मदद की तथा उसे नाव द्वारा सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

 

विधायक पूरी तरह रहे मुस्तैद
विधायक श्री आशीष शर्मा, अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं जिला प्रशासन के अधिकारी/कर्मचारीगण नर्मदा नदी के जल स्तर के बढऩे के बाद से ही दिन रात रेस्क्यू कार्य में लगे रहे हैं। इस दौरान अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया तथा उनके रहने-खाने पीने की व्यवस्था भी की गई।

25 गांव में 7 गांव अधिक प्रभावित
निरीक्षण के दौरान बताया गया कि जिले में नर्मदा नदी के किनारों वाले 25 गांव प्रभावित हुए है, जिसमें 7 गांव अधिक प्रभावित हुए हैं। जिनमें करोंदमाफी, दैयत, तुरनाल, कुंडगांव खुर्द, कुंडगांव बुजुर्ग, बजवाड़ा, मंडलेश्वर, रवलास है। इन ग्रामों के लोग पानी से घिर जाने के कारण उन सभी को रेस्क्यू आपरेशन करते हुए रेस्क्यू टीम की सहायता से सुरक्षित स्थलों पर लाया गया। प्रशासन द्वारा बाढ पीडि़तों के लिए तमाम बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित कराई गई है।

 

 

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