चांदी के सिंहासन पर विराजेंगी तुलजा भवानी..रजत मंडित कार्य के शुभ प्रारूप मॉडल को दी अंतिम स्वीकृति..
चांदी के सिंहासन पर विराजेंगी तुलजा भवानी
रजत मंडित कार्य के शुभ प्रारूप मॉडल को दी अंतिम स्वीकृति
नवरात्रि तक सिंहासन, गेट, आर्च, तोरण के कार्य को पूरा करने का रखा लक्ष्य, इंदौर की बाबाश्री इंटरप्राइजेस करेगी टेकरी पर रजत मंडित कार्य
देवास। चामुंडा समिति में तुलजा भवानी माता रानी का रजत मंडित (चांदी) सिंहासन, गेट, आर्च, तोरण आदि कार्य के शुभ प्रारूप मॉडल डिजाइन को स्वीकृति मिल गई है। देवास की टेकरी वाली तुलजा भवानी माता रानी के दरबार पर रजत मंडित कार्य नवरात्र तक पूर्ण होने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि अगस्त माह में तुलजा भवानी माता रानी चांदी के सिंहासन पर विराजमान हो जाएंगी।
गुरुवार को दोपहर 12 बजे देवास विधायक गायत्री राजे पंवार ने तुलजा भवानी माता रानी के दरबार में होने वाले रजत मंडित कार्य सिंहासन, गेट, आर्च, तोरण आदि के शुभ प्रारूप मॉडल डिजाइन को अंतिम स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही उज्जैन कमिश्रर, कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला, एसडीएम प्रदीप सोनी ने भी शुभ प्रारूप मॉडल डिजाइन पर अपनी मोहर भी लगा दी। देवास वाली माता रानी के दरबार में इंदौर के प्रसिद्ध बाबाश्री इंटरप्राइजेस के महेश शर्मा, दिपिन शर्मा की फर्म द्वारा किया जाएगा। ज्ञात रहे कि देवास वाली मातारानी पूरे देश में प्रसिद्ध है और यहां प्रतिदिन देशभर के भक्तों का दर्शनार्थ आना-जाना लगा रहता है। माता रानी के दरबार में रजत मंडित कार्य होने के बाद माता रानी के दरबार में चार चांद लग जाएंगे।
चांदी की सुपुर्दगी दी, शुरू हुआ शुभ प्रारूप मॉडल डिजाइन पर काम
शुभ प्रारूप मॉडल डिजाइन की स्वीकृति मिलने के साथ ही बाबाश्री इंटर प्राइजेस को प्रशासन की देखरेख में चांदी सुपुर्द कर दी गई। बाबा श्री इंटर प्राइजेस के संचालक महेश शर्मा, दिपिन शर्मा, पायल शर्मा ने बताया कि मातारानी के दरबार में रजत मंडित कार्य का शुभ मुहूर्त में कार्य भी शुरू कर दिया गया है। माता रानी का रजत मंडित कार्य की श्री गणेश कर दिया गया है।
महांकाल, पशुपतिनाथ सहित प्रसिद्ध मंदिरों में फर्म कर चुकी है काम
बाबा श्री इंटर प्राइजेस के संचालक महेश शर्मा, दिपिन शर्मा, पायल शर्मा ने बताया कि उनकी फर्म के माध्यम से देश के प्रसिद्ध उज्जैन महांकाल मंदिर, मंदसौर के पशुपतिनाथ, इंदौर के खजराना मंदिर, बिलासपुर के महामाया मातारानी मंदिर, नीनोद माता रानी मंदिर सहित अनेक मंदिरों में रजत, स्वर्ण मंदिर कार्य किया जा चुका है। जो श्रद्धालुओं द्वारा काफी पंसद किया जा रहा है।
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