सज्जनसिंह वर्मा के पत्र का पूर्व विधायक ने दिया जवाब..
सज्जनसिंह वर्मा के पत्र का पूर्व विधायक ने दिया जवाब..
वर्मा जी दूसरों की तरफ एक उंगली उठाने से पहले ये देखना चाहिए की तीन उंगलियां आप की तरफ भी हैं :- राजेन्द्र वर्मा
देवास। आगामी दौर में उपचुनाव होना है जिसको लेकर राजनीतिक पार्टीयों के द्वारा सोशल मीडिया पर एक दूसरे के प्रति तीखे प्रहार देखने को इन दिनों मिल रहे हैं। गत दिनों कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने भाजपा को लोकतंत्र की हत्या करने वाली पार्टी कहा था। जिसके जवाब में अब भाजपा से सोनकच्छ के पूर्व विधायक रहे राजेन्द्र वर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पत्र सज्जनसिंह वर्मा को भेजा है। जिसके तहत उन्होनें कहा है की भारत में प्रजातंत्र की मर्यादाओं को तार-तार करने का काला इतिहास कांग्रेस पार्टी का रहा है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आपके मुख्यमंत्री के दंभ और अहंकार के कारण गिरी है। आपकी तानाशाही से तंग आकर ही हाटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी कांग्रेस छोड़ कर गए है। वंशवाद को जायज ठहराने वाली इस पार्टी का अध्यक्ष पिछले कई दशकों से गांधी परिवार का ही सदस्य बनता आ रहा है, कांग्रेस की जमात ने इस देश में राज्य सरकारों पर अपना कब्जा बनाये रखने के लिए राज्यों में राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद का जमकर दुरुपयोग जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह की सरकारों के दौरान हुआ हैं। कांग्रेस ने आपातकाल लगा कर इस देश के महान लोकतंत्र और संविधान की हत्या की थी। राजेन्द्र वर्मा ने कहा की वर्मा जी दूसरों की तरफ एक उंगली उठाने से पहले ये देखना चाहिए की तीन उंगलियां आप की तरफ भी हैं। आपको ये ज्ञात होना चाहिए की लोकतंत्र की हत्या का काम कांग्रेस आजादी के समय से करते आ रही है।
कांग्रेस पार्टी ने कब-कब कौनसे राज्यों में प्रजातंत्र की हत्या की है-
पूर्व विधायक राजेन्द्र वर्मा ने पत्र में कहा की कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या इन राज्यों में इन वर्षो में भी की है।
– 1952 में तमिलनाडु सहित चार प्रदेश की सरकारों को राज्यपाल का दुरुपयोग कर बर्खास्त किया था।
– 1959 में केरल में कांग्रेस ने की लोकतंत्र की हत्या-कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार को कांग्रेस ने बर्खास्त कर दिया।
– 1982 में हरियाणा में कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की।
– 1984 में कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की हत्या की।
– 1984 में कांग्रेस ने आंध्रप्रदेश में भी लोकतंत्र की हत्या की।
– 1998 में उत्तरप्रदेश में कांग्रेस ने बहुमत का गला घोंटा
– 2005 में झारखंड में कम सीटें मिलने के बावजूद शिबू सोरेन को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई।
– 2009 में कर्नाटक के राज्यपाल ने येदियुरप्पा को बहुमत वाली सरकार को बर्खास्त कर दिया।
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