मुख्यमंत्री की घोषणा को नहीं मान रहे प्रायवेट स्कूल, पूरी फीस लिए बगैर नहीं जमा कर रहे हैं परीक्षा फीस..

मुख्यमंत्री की घोषणा को नहीं मान रहे प्रायवेट स्कूल, पूरी फीस लिए बगैर नहीं जमा कर रहे हैं परीक्षा फीस
देवास। लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी अगर किसी को हो रही है तो वह छात्र छात्राएं और उनके पालक को उनकी पढ़ाई को लेकर स्कूल बंद है बावजूद स्कूल में पूरी फीस देना पड़ रही है। वही आने वाले समय में परीक्षाएं भी होना है पालको के पास पैसा नहीं है। बड़े स्कूल वाले बिना पूरी फीस जमा किए परीक्षा में बैठने हेतु परीक्षा की फीस भी जमा नहीं कर रहे हैं। खासकर के दसवीं व बारहवीं के वह विद्यार्थी जिनका बोडऱ् की परीक्षाएं है उनका भविष्य दांव पर लगा है जिनके माता-पिता ने बड़ी मुश्किल से इन प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाकर दसवीं, बारहवीं तक लाए हैं। आज स्कूल वाले लॉकडाउन के दौरान की पिछली बकाया फीस होने से दसवीं, बारहवीं बोर्ड परीक्षा की फीस जमा नहीं कर रहे हैं जिससे पालक सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि विगत दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि फीस के अभाव में किसी भी बच्चे को परीक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा ना ही स्कूल से निकाला जाएगा ऐसा लगता है कि प्राइवेट स्कूल वाले मुख्यमंत्री की घोषणा को मानना ही नहीं चाहते हैं। वही जिला प्रशासन को पालको ने कई बार ज्ञापन दिए शिकायत की बावजूद आज तक कलेक्टर श्री शुक्ला ने इस संदर्भ में कोई कदम नहीं उठाया। ना ही मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई आदेश आया है कि जिनके पास पैसा नहीं है उन्हें परीक्षा से वंचित नहीं किया जाए। कांग्रेस ने मांग की है कि मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की है कि फीस के अभाव में बच्चे की परीक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा तो वे शीघ्र ही राज्य शासन से आदेश जारी कराएं और स्कूलों को निर्देशित करें कि जिनके पास अभी पैसा नहीं है या फीस नहीं भर पा रहे हैं उन बच्चों को परीक्षा में बैठने से वंचित नहीं करे उनके फार्म व फीस जमा कर परीक्षा में बैठने की अनुमति दे।

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