नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास व अर्थदण्ड से किया दण्डित..
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास व अर्थदण्ड से किया दण्डित
देवास। नाबालिग लडक़ी से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को विशेष न्यायालय (पाक्सो एक्ट) जिला देवास ने 20 वर्ष के कारावास की सजा दी है। बताया गया है की सब इंस्पेक्टर कृष्णा सूर्यवंशी व टीम द्वारा मामले की विवेचना की गई थी जिसके फलस्वरूप पीडि़त पक्ष को न्याय मिला है। विशेष न्यायालय (पाक्सो एक्ट) द्वारा पारित निर्णय में आरोपी को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 366, एवं 5(एल)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 में दोष सिद्ध पाते हुये 20 वर्ष सश्रम कारावास व कुल 13000/- के जुर्माने से दंडित किया गया।
यह है घटना का विवरण
घटना का विवरण इस प्रकार है कि पीडि़ता के परिवार वाले घटना दिनांक 23.02.2019 के तीन माह पूर्व से ग्राम पटाड़ा में भेड़े चराकर गुजर बसर करते थे। दिनांक 21-02-2019 को पीडि़ता व उसके परिवार वाले खाना खाकर सो गये थे। रात करीब 9 बजे पीडि़ता के पिता ने आस-पास अपनी नाबालिग लडक़ी को देखा तो वो वहां नहीं थी फिर पीडि़ता के पिता ने अपनी लडक़ी की इधर-उधर तलाश किया लेकिन कहीं पता नहीं चला। फरियादी ने अपनी नाबालिग लडक़ी की गुमशुदगी होने की रिपोर्ट थाने पर दर्ज करायी। विवेचना के दौरान दिनांक 26.02.2019 को पीडि़ता को आरोपी भीमाराम के कब्जे से छुड़वाया गया तथा आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पीडि़ता से पूछताछ किये जाने पर उसने बताया कि आरोपी करीब 2 माह पूर्व से उसके डेरे पर आता-जाता था। दिनांक 21.02.2019 को रात्रि 9 बजे आरोपी द्वारा पीडि़ता को फोन लगाकर मिलने के लिये बुलाना तथा करीब 9.30 बजे एक्टिवा स्कूटर पर बहला फुसलाकर शादी का झांसा देकर इन्दौर बायपास के खेत में बनी टापरी में लेकर गया जहां 4 दिन तक पीडि़ता को रखा तथा उसकी मर्जी के बिना उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया। पीडि़ता तथा आरोपी का मेडीकल परीक्षण कराया गया। अन्य आवश्यक अनुसंधान उपरान्त अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
विशेष न्यायालय (पाक्सो एक्ट) जिला देवास द्वारा दिनांक 12.10.2020 को निर्णय पारित कर आरोपी भीमाराम पिता जीवाजी उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम मेहरामजी गुडा जिला पाली थाना रानी, राजस्थान को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 366, एवं 5(एल)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 में दोषसिद्ध पाते हुये 20 वर्ष सश्रम कारावास व कुल 13000/- के जुर्माने से दंडित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से विशेक लोक अभियोजक राजेन्द्र खाण्डेगर जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा कुशल पैरवी संपादित की गई एवं कोर्ट मोहर्रिर रमेश बर्डे का विशेष सहयोग रहा।
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