लोगों को याद है कोरोनाकाल का संकट, अब चुनाव में नेता दिखा रहे सब्जबाग..

लोगों को याद है कोरोनाकाल का संकट, अब चुनाव में नेता दिखा रहे सब्जबाग
हाटपिपलिया विधानसभा सीट में जनता की खामोशी बड़ा रही दोनों दलों का तनाव
देवास। हाटपीपल्या में अब चुनाव प्रचार के कुछ ही घंटे शेष बचे है। इस सीट पर 3 नवंबर को मतदान होगा। इस सीट को जीतने के लिए दोनों ही दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। ये सीट दोनों ही दलों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी है। इस सीट को लेकर भाजपा कितनी गंभीर है ये इसी बात से पता चलता है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान व ज्योतिरादित्य सिंधिया दो बार से अधिक यहां पर प्रचार के लिए आ चुके है। अंतिम समय पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने यहां पर मोर्चा संभाल रखा है।

        कांग्रेस भी इस बार पूरी एकता से चुनाव लड़ रही है। पहली बार इस सीट पर कांग्रेस में गुटबाजी नहीं दिख रही है। कांग्रेस की इस एकता के चलते कार्यकर्ताओ का उत्साह भी चरम पर है। वहीं कांग्रेस-भाजपा से हटकर बात करे तो आम मतदाताओं में कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है। मतदाताओं की ये खामोशी दोनों ही दलों की चिंता को बड़ा रही है। ऐसे में दोनों ही दल अलग-अलग जातियों की खेमेबंदी करने में जुटे है लेकिन वे भी अभी भी इसमें सफल होते नहीं दिखाई दे रहे है। दरअसल इस बार का चुनाव कोरोना महासंकट के बीच हो रहा है। कोरोना के चलते इस बार किसान गेहूं की बंपर आवक के बाद भी अपनी फसल ठीक से नहीं बेच पाया था। सब्जी उत्पादक किसानों ने अपनी सब्जी खराब होते देखी। ग्रामीणों के छोटे-मोटे धंधे बंद हो गए थे और लोग लाकडाउन में अपना संघर्ष करते रहे। उनके इस संघर्ष में उस समय कोई साथ नहीं था। चुनावों की घोषणा होते ही नेताओं का प्रेम उमड़ आया। कोरोना महामारी इस बार जनता को कई सबक सीखा गई है। जनता को ये सबक अच्छे से याद हो गया है। अब चुनावी बेला में जनता खामोश है और उनकी ये चुप्पी नेताओं की नींद उड़ा रही है।

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