भाजपा जिलाध्यक्ष के विरूद्ध नायब तहसीलदार ने कराई रिपोर्ट दर्ज..

भाजपा जिलाध्यक्ष के विरूद्ध नायब तहसीलदार ने कराई रिपोर्ट दर्ज
आदर्श आचार संहिता, कोविड-19 के नियमों का किया था उल्लंघन
देवास।
भाजपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ नायब तहसीलदार ने बरोठा में हुई आमसभा के विरोध में अपराध दर्ज कराया है। बताया गया है की भाजपा जिलाध्यक्ष ने कोविड-19 गाइड लाइन का पालन नहीं किया था, जिसको लेकर आरोपित पर अपराध दर्ज हुआ है।
पिछले दिनों 7 अक्टूबर को हाटपिपलिया के गुरू कृपा गार्डन में एक चुनावी सभा हुई थी। जिसके संबंध में रिटर्निंग अधिकारी को शिकायत प्राप्त हुई थी की उक्त सभा के लिए ली गई अनुमति में आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है। उक्त शिकायत का अवलोकन एफएसटी टीम के अधिकारियों के द्वारा किया गया था। जिसकी विडियोग्राफी कर जांच की गई थी। जिसमें पाया गया की उक्त सभा में 600 से अधिक व्यक्ति शामिल थे, जबकि चुनावी सभा केे लिए कोविड-19 गाइड लाइन के अनुसार 100 व्यक्तियों की अनुमति दी गई है।

उक्त सभा में 600 से अधिक व्यक्तियों की उपस्थिति होने की दशा में गाइड लाइन का उल्लंघन होना पाया गया। इसके साथ ही महामारी अधिनियम 1987 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 का उल्लंघन होना पाया गया। जिस पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने नायब तहसीलदार अनिता बरेठा की रिपोर्ट पर आरोपित भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल के विरूद्ध धारा 187, 188, 269, 270, 271, महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 में अपराध दर्ज किया है।


सत्ताधारी नेताओं का खौफ ?
वहीं पुलिस विभाग जहां एक आरोपी के विरूद्ध अपराध दर्ज डीएसआर जारी करती है उसमें आरोपी का नाम लिखा होता है। लेकिन यहां पर जब भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल के विरूद्ध अपराध दर्ज किया गया तो डीएसआर में पुलिस को सत्ताधारी पार्टी के नेता होने पर नाम के आगे श्री लिख दिया। याने की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का खौफ पुलिस पर दिख रहा है की उनके विरूद्ध रिपोर्ट भी दर्ज की गई हो तो डीएसआर में श्री लिखा जाए। कहा जाए तो एक और तो भाजपा जिलाध्यक्ष आरोपी और दूसरी और नाम के आगे श्री लिखना बकायदा सम्मान देने के बराबर है। वहीं जब ऐसा सम्मान राजनेता के आरोपी बनने पर दिया जा रहा है तो आम व्यक्ति जो आरोपी होता है, उसके नाम के आगे भी पुलिस विभाग को श्री लिखना चाहिए।

Comments