हाटपिपलिया उपचुनाव..कांग्रेस व भाजपा को भीतरी घात का भय..
हाटपिपलिया उपचुनाव
कांग्रेस व भाजपा को भीतरी घात का भय..
भाजपा में पूर्व पार्षद ने सोशल मीडिया पर भीतर घात करने वालों को दी चेतावनी
दिग्विजय सिंह समर्थक बघेल ने सज्जनसिंह वर्मा का दामन थामकर लगाई जीत की उम्मीद
(अमित व्यास)
देवास। एक सप्ताह के बाद 3 नवंबर को हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र में मतदान होना है, जिसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां की जा रही है। वहीं राजनैतिक दलों ने भी अपनी कमान कस ली है। कहा जाए तो अब खास दोनों ही दल जिनमें भाजपा व कांग्रेस को भय है तो सिर्फ भीतरी घात लगाने वालों से, अब तक चुनावी माहौल में क्षेत्र की जनता का मन मोहने के लिए दोनों ही दलों के प्रत्याशी घर-घर पहुंचे थे। जहां लोगों के मन को भांपा और अपनी जीत को सुनिश्चित होने के सपने संजोने लगे हैं। वहीं दोनों ही दलों में अब डर सिर्फ भीतरी घात का नजर आने लगा है। गत दिवस पूर्व पार्षद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली जिसमें क्षेत्र के भाजपा नेताओं के बारे में लिखा है की भाजपा के साथ कुछ नेता गद्दारी कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस की और से ठाकुर राजेंद्र सिंह बघेल के पुत्र सोनकच्छ नगर परिषद के अध्यक्ष रहे राजवीर सिंह बघेल अब हाटपिपलिया विधानसभा से विधायक बनने का सपना संजो कर चुनाव लड़ रहे हैं। वैसे कहा जाता है की ठाकुर राजेंद्र सिंह बघेल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थक हैं, लेकिन चुनाव में जीतने के लिए अब वे सज्जन सिंह वर्मा का हाथ थामकर चुनावी जंग जीतने के लिए मैदान में है। ऐसे में दोनों ही राष्ट्रीय पार्टी के प्रत्यशियों को भय है तो सिर्फ भीतरी घात का ही है, की कहीं मतदान के दौरान कहीं कोई अनहोनी न हो जाए। वहीं आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हाटपिपलिया के इस चुनावी द्वंद में रोड़ शो करने वाले हैं, राजनैतिक सूत्रों का कहना है की हाटपिपलिया विधानसभा सीट अब भाजपा व कांग्रेस के लिए नाक की बात हो गई है।
बनने लगा भीतर घात का भय..
गत दिवस भाजपा के पूर्व पार्षद अर्जुन चौधरी ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर डाली की भाजपा के साथ कुछ नेता गद्दारी कर रहे हैं, उनसे कहना चाहता हूं भरी महफिल में बेइज्जत कर दूंगा देखूंगा नहीं कौन कितना बड़ा नेता है। इज्जत गिराने में 2 मिनिट नहीं लगेंगे। इस प्रकार के कथन के बाद एक गाना याद आता है की कहीं पे निगाहें..कहीं पे इशारा..माना जा रहा है की पूर्व पार्षद का इशारा क्षेत्र के बड़े दिग्ग्ज नेताओं की और है। वहीं जब से मनोज चौधरी को भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया है तब से लेकर अब तक पूर्व विधायक दीपक जोशी पार्टी का चुनाव में सहयोग करते नजर नहीं आ रहे थे।
लेकिन कैसे उनका मन परिवर्तित हो गया और चुनाव में प्रत्याशी मनोज चौधरी के लिए प्रचार में जुट गए। वैसे पूर्व पार्षद अर्जुन चौधरी की पोस्ट से लगता है की हाटपिपलिया में भाजपा पार्टी का अंर्तकलह जारी है। हांलाकि कांग्रेस से बागी भाजपा के उम्मीदवार मनोज चौधरी को जिताने की जिम्मेदारी देवास विधायक गायत्री राजे पवार को सौंपी गई है। ऐसे में भितरघात कौन कर रहा है यह तो पूर्व पार्षद अर्जुन चौधरी ही बता सकते हैं। लेकिन पूर्व पार्षद की सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट के बाद माना जा रहा है कि उनका इशारा दीपक जोशी गुट की तरफ ही है।
बहुत कठिन है डगर पनघट की..
कांग्रेस की और से ठाकुर राजेंद्र सिंह बघेल के पुत्र सोनकच्छ नगर परिषद के अध्यक्ष रहे राजवीर सिंह बघेल अब हाटपिपलिया विधानसभा से विधानसभा में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। उनका यह सफर भी इतना आसान नहीं है, क्योंकि ऐसा माना जाता है की कांग्रेस में अंर्तकलह रहती आई है। कहा जाता है की ठाकुर राजेंद्र सिंह बघेल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थक हैं लेकिन विधानसभा मेें विजय होने के लिए उन्होनें दिग्विजय सिंह से दूरी बनाते हुए सज्जनसिंह वर्मा का हाथ थाम लिया है। वहीं सज्जनसिंह वर्मा और दिग्विजय के बीच की दूरी लोगों को भली भांती पता है। इस चुनाव में राजवीर सिंह बघेल को चुनाव जिताने की ग्यारंटी सज्जनसिंह वर्मा ने कमलनाथ को दी है। लेकिन राजनैतिक रूप से यह भी स्पष्ट है की सज्जन सिंह वर्मा ने कभी भी जिले में कांग्रेस की और से सशक्त नेतृव्य बनने नहीं दिया है। अब ऐसे में अगर राजवीर सिंह बघेल हाटपिपलिया का चुनाव जीतकर विधायक बन जाते हैं तो आगे जाकर सज्जनसिंह वर्मा के लिए चुनौती हो सकती है, क्योंकि चुनाव जितने के बाद राजवीर सिंह बघेल पुन: दिग्विजय सिंह का दामन थाम कर आगे की राजनीति करेंगे और सज्जनसिंह वर्मा अपना नेतृव्य खोना नहीं चाहते हैं ऐसे में भीतरी घात का भय बना हुआ है। वहीं अब देखने वाली बात होगी की इस चुनाव में विश्वास की जीत होती है या फिर राजनीति की।
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