कोविड नियमों का पालन विभिन्न आयोजनों के लिए सख्त है..राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए क्यों नहीं?
कोविड नियमों का पालन विभिन्न आयोजनों के लिए सख्त है..राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए क्यों नहीं?
जिस क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव मरीज आया वहीं पर हो गई चुनावी सभा, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगैर मास्क के किया सभा को संबोधित
देवास। राज्य शासन का आदेश था की जहां पर कोरोना पॉजिटिव आया हो वहां पर किसी भी प्रकार से कोई आयोजन नहीं होगा। लेकिन उक्त आदेश में समय के साथ बदलाव हो गया, अब कंटेटमेंट क्षेत्र भी घोषित नहीं किया जाता है सिर्फ गली और घर तक यह व्यवस्था रहती है। मंगलवार को उज्जैन रोड़ स्थित ग्राम सिंगावदा में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुनावी सभा भाजपा प्रत्याशी मनोज चौधरी के समर्थन में हुई थी। जबकि यहां स्वास्थ्य विभाग की बुलेटिन में एक कोरोना पॉजिटिव भी आया था, और चुनावी सभा भी यहीं पर हो गई। वहीं इस सभा में उपचुनाव प्रभारी, देवास विधायक, जिलाध्यक्ष सहित अन्य नेता मौजूद थे। यहां तक की बगैर मास्क के सांसद सिंधिया ने सभा को संबोधित किया, इनके साथ खड़े कई नेता बगैर मास्क के रहे थे। वहीं प्रशासन ने कोरोना के नियमों का पालन करने के लिए सभी क्षेत्र को कहा है, लेकिन राजनीति अखाड़े में यह नियम पालन कराने में असफल साबित रहा। कहा जाए तो कोविड के नियम सभी के लिए समान होना चाहिए, लेकिन यहां आम लोगों के लिए नियम लागू होते हैं सिवाय सत्ताधारियों को छोड़।
मंगलवार सुबह की हेल्थ विभाग की कोरोना बुलेटिन में कुल 8 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटीव आई है। जिसमें से एक 32 वर्षीय व्यक्ति ग्राम सिंगावदा में भी कोरोना से संक्रमित मरीज पाया गया है। कोरोना काल में जहां कोई मरीज संक्रमित पाया जाता था उसके आसपास के क्षेत्र को कंटेंटमेंट एरिया घोषित किया जाता था। लेकिन बाद में यह व्यवस्था बदलकर गली और घर तक कर दी गई। प्रशासन ने कोरोना के नियमों का पालन लगभग हर क्षेत्र में कराया, लेकिन राजनीतिक क्षेत्र में नियम का पालन कराने में असफल दिखाई दिया।
उल्लेखनीय है की सिंधिया के दौरों से पहले सभाओं पर कुछ न कुछ होते ही रहता है। पिछले दिनों सिंधिया के रोड शो के पहले गद्दारों का आना मना है जैसे पोस्टर एक गांव के बाहर लगाये गये थे लेकिन इस बार उनकी सभा जहां हुई है उसके नजदीक ही कोरोना संक्रमित मरीज का घर बिल्कुल पास ही था जहां चुनावी सभा आयोजित की गई। बताया गया है की उक्त सभा के लिए स्थान पहले से ही निश्चित किया गया था। सवाल यह उठता है कि जब शासकीय गाइडलाइन में कोविड नियमों का पालन धार्मिक त्यौहारों, आयोजनों आदि के लिए सख्त है तो राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए क्यों नहीं? जबकि उक्त सभा के समीप ही कोरोना संक्रमित मरीज होने से उनके ही नेताओं सहित आसपास के क्षेत्र के लोगों के प्रभावित होने के आसार अत्यधिक हो सकते थे।
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