अब कांग्रेस की सोनकच्छ सीट खतरों के घेरे में..

अब कांग्रेस की सोनकच्छ सीट खतरों के घेरे में..
कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल सेंगर हाटपिपलिया की जीत के बाद आभार रैली के साथ पहुंचे आनंद भवन पैलेस
राजपरिवार हाटपिपलिया के बाद अब सोनकच्छ में भाजपा का किला मजबूत करने में जुटा
देवास। अभी तक हाटपिपलिया उपचुनाव को लेकर काफी चर्चाएं रही है। अब भाजपा की नजरें सोनकच्छ विधानसभा सीट पर है। इस सीट पर वर्तमान में कांग्रेस का परचम कायम है, सोनकच्छ क्षेत्र में कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के कट्टर समर्थक माने जाने वाले दिग्गज नेता सेंगर पिछले दिनों सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। पिछले दिनों हाटपिपलिया चुनाव में उन्होनें अपने समर्थकों के साथ कार्य किया था। वहीं बताया गया है की ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्देश पर विधायक गायत्री राजे पवार और महाराज विक्रमसिंह पवार का आभार व्यक्त करने अपने सैकड़ों समर्थको के साथ मंगलवार को सेंगर ने आनंद भवन पैलेस में अपनी महत्वपूर्ण मानी जाने वाली उपस्थिति दर्ज करवाई।

       कांग्रेस पार्टी के पूर्व मंत्री व सोनकच्छ विधायक सज्जनसिंह वर्मा के समर्थक माने जाने वाले निरंजन सिंह सेंगर पिछले दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। हांलाकि कांग्रेस पार्टी में रहते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के सेंगर कट्टर समर्थक माने जाते थे, वहीं सोनकच्छ में रहते हुए सज्जनसिंह वर्मा के भी खासा समर्थक माने जाते थे। भाजपा में शामिल होने के बाद निरंजन सेंगर पिछले दिनों हाटपिपिलिया चुनाव में भी काफी कार्य कर चुके हैं। मंगलवार को दिवंगत महाराज तुकोजीराव पवार की जयंती थी, इस मौके पर सोनकच्छ से निरंजन सेंगर लगभग 50 गाडिय़ों के काफिले के साथ आंनद भवन पैलेस पहुंचे जहां उन्होनें हाटपिपलिया में मिली जात को लेकर महाराज विक्रम सिंह पवार व विधायक गायत्री राजे पवार का आभार माना। इसके साथ ही दिवंगत महाराज की याद में केक काटकर उनकी जयंती मनाई गई। वैसे कहा जा रहा है की विधायक गायत्री राजे पवार ने जिले के हाटपिपलिया क्षेत्र में जिस प्रकार कार्य किया है उसके बाद से पैलेस की स्थिति जिले में अब और मजबूती से देखी जा रही है। वहीं जिले में कांग्रेस के बिखरने का अंदेशा भी होने लगा है, जिस तरह से सेंगर ने भाजपा का दामन थामा है उसके बाद से सोनकच्छ क्षेत्र में कांग्रेस की कमान कमजोर दिखाई देने लगी है। वहीं अब सेंगर वर्चस्व कायम रखने के लिए पैलेस से जुड़ गए हैं, सिंधिया समर्थक होने के बाद उन्हें अब पैलेस से भी फायदा मिल सकता है। वहीं भाजपा को मजबूती मिलेगी और ऐसी स्थिति में पहले से कमजोर होती जा रही कांग्रेस यहां ओर कमजोर होती जाएगी। आने वाले विधानसभा चुनाव में सेंगर के कार्यकर्ताओं की यह फौज निश्चय ही कमाल करेगी।

बहुत कठिन है डगर पनघट की..
    सोनकच्छ सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है, क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता के रूप में माने जाने वाले नेता निरंजन सिंह सेंगर जैसे नेता का भाजपा में शामिल होने के कई मायने है। इस स्थिति में कांग्रेस की पकड़ अब कमजोर हो जाएगी। वहीं कांग्रेस अपनी स्थिति को बचाए रखने के लिए कुछ राजनीतिक दांव भी लगा सकती है, लेकिन उनकी पार्टी का एक मजबूत खिलाड़ी अब भाजपा में शामिल हो गया है जिसके बाद अब कांग्रेस को एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखना पड़ेगा। वहीं राजनीतिक रूप से कहा जा रहा है की पैलेस की पहल व देवास विधायक गायत्री राजे की राजनीतिक विचारधारा जिस तरह से हाटपिपलिया में रंग दिखा चुकी है उसी प्रकार आगे सोनकच्छ में भी अपना रंग दिखाएगी। इसके बाद कांग्रेस की हालत देखकर कहा जा सकता है की बहुत कठिन है डगर पनघट की..।

जानकारों का मानना
    राजनीतिक जानकारों के मुताबिक बताया जा रहा है की एक बड़ी पार्टी बड़ी टूट की ओर बढ़ रही है। सारा प्लॉट तैयार है। बस इंतजार पार्टी आलाकमान की ओर से असंतुष्ट धड़े के खिलाफ एक्शन का है जिसके बाद बड़ा चेन रिएक्शन होगा। पॉलिटिकल से लेकर लीगल तक सारी कार्ययोजना एक टेबल पर है।

हाटपिपलिया के बाद अब सोनकच्छ..
     हाटपिपलिया विधानसभा में भाजपा की जीत के लिए देवास विधायक गायत्री राजे पवार ने काफी मेहनत की थी, साथ ही विधायक समर्थक भी हाटपिपलिया में मौजूद रहे थे। नतीजन भाजपा के पक्ष में विजय हांसिल हुई थी। सोनकच्छ विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा बना हुआ है, यहां से कांग्रेस के नेता सज्जन सिंह वर्मा विधायक हैं। क्षेत्र के दिग्गज माने जाने वाले कांग्रेसी नेता निरंजन सिंह सेंगर का सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ यंू भाजपा में जाना अब सोनकच्छ में कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकता है। कहा जाए तो अब राजपरिवार हाटपिपलिया के साथ सोनकच्छ में भी भाजपा का किला मजबूत करने में जुट गया है। जिसको देख कहा जाए तो कांग्रेस को भारी नुकसान झेलना भी पड़ सकता है विधायक गायत्री राजे पवार की रणनीति को देखते हुए उनकी राजनीति का लोहा अब हर कोई मान रहा है।

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