कोरोना प्रोटोकॉल के नियम क्या सिर्फ आमजनता के लिए, नेताओं के लिए नहीं ?
कोरोना प्रोटोकॉल के नियम क्या सिर्फ आमजनता के लिए, नेताओं के लिए नहीं ?
विधायक जी ऐसी कैसी जीत की खुशी, कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाकर निकाली आभार रैली
देवास। कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, त्यौहारों के बाद से कोरोना संक्रमित मरीज मिलते जा रहे हैं। लगातार बढ़ते मरीजों को देखते हुए जिला प्रशासन ने पिछले ही दिनों इसके लिए दिशा निर्देश दिए थे। लेकिन यहां पर कोरोना संक्रमण को लेकर दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कोई नजर नहीं आता है। वहीं राजनीतिक दलों की बात की जाए तो पिछले दिनों भाजपा ने हाटपिपलिया क्षेत्र में बड़ी जीत दर्ज की लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल की तो यही नेता नगरी धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। कहा जाए तो प्रशासन के दिए गए निर्देशों को पालन करना सिर्फ आमजनता के लिए है नेता नगरी के लिए नहीं, जबकि सबसे अधिक तो इन जैसे नेताओं ने ही कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई है। इन नेताओं पर भी प्रोटोकॉल के तहत कार्रवाई होगी तब ही आमजनता के मन में कोरोना को लेकर नियमों को पालन करने की चेष्टा जागृत होगी।
कोरोना संक्रमण को लेकर पिछले ही दिनों प्रदेश सरकार ने कई नियम बनाए कई नियमों को जारी कर दिशा निर्देश दिए। जिसके बाद उन दिशा निर्देशों को अमल में लाने के लिए जिला प्रशासन ने आमलोगों के लिए जिलेवार दिशा निर्देश जारी कर प्रोटोकॉल के तहत उनका पालन करने के लिए कहा। लेकिन भाजपा अब भी जश्र में डूबी हुई है। पिछले दिनों से जिले के हाटपिपलिया में हुए चुनाव के बाद विधानसभा क्षेत्र में लगातार रैलियां व आभार प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी के चलते रविवार रात को सिरोलिया में नवनिर्वाचित विधायक मनोज चौधरी की आभार रैली में बड़ी तादात में लोग जमा थे, न तो किसी भी प्रकार से उनके चेहरों पर कोरोना को लेकर भय दिखाई दे रहा था, न ही किसी भी प्रकार से सोशल डिस्टेसिंग दिखाई दे रही थी।
कहा जाए तो कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों को बनाने वाली सत्ताधारी पार्टीयों के नेता ही धज्जियां उड़ा रहे हैं तो आमजन किस तरह से इन नियमों का पालन करेगी। जबकि विधायक एक जनप्रतिनिधि है जिसे इन नियमों को देखते हुए लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाव करना चाहिए। लेकिन जनप्रतिनिधि ही बगैर मास्क के रैलियों में शामिल होकर नियमों को ताक पर रख रहे हैं तो फिर जिला प्रशासन को आमजन से आशा ही नहीं करनी चाहिए। कहा जाए तो कोरोना के प्रोटोकॉल क्या सिर्फ जनता के लिए बने हैं।
सवाल यह उठता है कि नियम क्या सिर्फ जनता के लिए हैं क्या नेताओं को अपनी जिम्मेदारी नहीं समझनी चाहिए? वहीं रविवार को ही कलेक्टर ने धारा 144 के तहत कोरोना संक्रमण के बढ़ते मरीजों को देखते हुए निर्देश जारी किए थे, जिसमें स्पष्ट तौर पर उल्लेख था की किसी भी प्रकार रैली नहीं निकाली जाएगी, लेकिन विधायक है की अपनी जीत की खुशी में कोरोना संक्रमण को भी भूल गए और अनावश्यक रूप से भीड़ को जुटाकर लोगों का आभार मानने में लग गए।
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