दूर के रिश्तेदार ने जेट एयरवेज में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे 75 हजार रूपए..

आरोपी रिश्तेदार ने जेट एयरवेज का दिया था फर्जी नियुक्ति पत्र
देवास। नौकरी दिलावाने के नाम पर कई ऐसी संस्थाएं हैं जो लोगों से रूपए ऐंठकर गौरखधंधा करने का कार्य कर रही है। कहीं ऑनलाईन तो कहीं पर मोबाइल एसएमएस के जरीए नौकरी का झांसा देकर रूपए ऐंठे जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला फिर प्रकाश में आया है। जहां फरियादी की पत्नी के एक दूर के रिश्तेदार ने इंदौर एअरपोर्ट पर नौकरी लगाने के लिए 75 हजार रूपए धोखाधड़ी कर ले लिए जिस पर पीडि़त ने रिश्तेदार के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामले को विवेचना में लिया है। पुलिस ने बताया की आरोपी रिश्तेदार अकोला महाराष्ट्र में रहता है, जिसने उसके बैंक खाते में ऑनलाईन हस्तांतरित करवा लिए है। पुलिस आरोपी को तलाश रही है, जल्द ही वह पुलिस गिरफ्त में होगा।

       फरियादी पवन पिता परशुराम सूर्यवंशी उम्र 36 साल निवासी 168-बी कालानी बाग ने कोतवाली थाने पर उसकी पत्नी नम्रता सूर्यवंशी के साथ आकर बताया की वह टाटाटी कंपनी मांगलिया इन्दौर में काम करता है। उसकी पत्नि नम्रता का दूर के रिश्तेदार का भाई सागर पिता कांतीलाल देविकर हमारे घर आता-जाता था। दिनांक 2 अप्रेल 2019 को दिन करीबन 3 बजे सागर देविकर मेरे घर आया और मुझे एयरपोर्ट इन्दौर में नौकरी लगवाने के लिये बोला और मुझसे पैसे मांगे और मैंने सागर को 10 हजार रुपये दे दिए। उसके बाद सागर ने 40 हजार रुपये मांगे जो मंैने मेरी सास छाया भारती निवासी छत्रीबाग इन्दौर को बोलकर सागर देविकर को 40 हजार रुपये नगद दिलवा दिए थे। उसके बाद सागर ने मुझसे और रुपये की मांग की तो मंैने मेरे साले अभिषेक को बोला की सागर को 25 हजार रुपये दे दो तो मेरे साले अभिषेक ने उसके मोबाईल नंबर पर फोन-पे से सागर के बैंक ऑफ महाराष्ट्र जिसका खाता नंबर 25002388664 पर दिनांक 7 अपे्रल 2020 को 10 हजार रुपये तथा दिनांक 9 अप्रेल 2020 को 15 हजार रुपये दो बार हस्तांतरित किये थे। इसके कुछ दिनों के बाद उसने मुझे जेट एयरवेज का एक नियुक्ति पत्र दिया और मुझसे बोला की तीन-चार माह के बाद ट्रेनिंग में जाना है। इस संबंध में सागर देविकर ने दो ज्वाइनिंग लेटर वाटसअप किये मैं एयरपोर्ट इन्दौर जेट एयरवेज के आफिस में गया और मंैने अपना नियुक्ति पत्र बताया तो आफिस से मुझे बताया की हमारे आफिस से यह पत्र जारी नहीं किया है। फिर मंैने व मेरी पत्नि ने सागर से फोन पर पैसे वापस मांगे जिसने नहीं दिये इस तरह सागर देविकर ने मुझसे 75 हजार रुपये लेकर मुझे फर्जी नियुक्ति पत्र देकर मेरे साथ-साथ अन्य तीन-चार लोगो के साथ भी धोखाधड़ी की है। फरियादी की रिपोर्ट पर आरोपी सागर पिता कांतीलाल देविकर निवासी मोचीपुरा रविदास मंदिर के पास मुर्तिजापुर जिला अकोला महाराष्ट्र के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने धारा 420 में अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।

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