कबीर आश्रम में मूकबधिर के साथ हुआ था दुष्कर्म, एक आरोपी का डीएनए टेस्ट मिला..
कबीर आश्रम में मूकबधिर के साथ हुआ था दुष्कर्म, एक आरोपी का डीएनए टेस्ट मिला
देवास। कबीर आश्रम में रहने वाली मंदबुद्धि मूकबधिर युवती के साथ वहीं के सेवादारों ने दुष्कर्म किया था, जो पुलिस की कार्रवाई के दिन से भाग गए थे। इन आरोपियों को बीएनपी पुलिस की अलग-अलग टीमों ने जगह-जगह दबिश देकर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया है। आरोपी के पकड़ाने से पहले डीएनए टेस्ट रिपोर्ट भी आ चुकी है, जिसमें एक बायोलॉजिकल आरोपी पिता सामने आया है। बीएनपी थाना टीआई मुकेश इजारदार ने बताया, आरोपी भारतसिंह 38, मिथुन चौरसिया 35, दलसिंह उर्फ दलप 20 व दिलीप यादव 20 आश्रम पर हुई कार्रवाई के दिन से गायब थे।
आरोपियों ने मूकबधिर के साथ अलग-अलग समय में दुष्कर्म किया था, एक आरोपी का डीएनए टेस्ट मिल चुका है। आरोपियों से पहले आश्रम के संचालक बाबा मंगलनाम, उपाध्यक्ष इंदिरा राठौर, सचिव प्रकाश मालवीय, सहायक सचिव नंदकिशोर, कोषाध्यक्ष गंगाराम, सांस्कृतिक मंत्री आत्माराम चौहान व राजेश उर्फ बंटी को पुलिस ने 24 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया था, जो जेल में हैं। सीएसपी विवेकसिंह चौहान के निर्देश पर बनाई टीम की एसआई ज्योति पाटीदार, एएसआई फरीद शाह, शिव, महेंद्र, महिला प्रधानारक्षक मीथिलेष दीक्षित, संतोष आदि टीम ने आरोपियों को पकड़ा है।
बच्ची के जन्म के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा था
6 नवंबर को मूकबधिर गर्भवती युवती को दो महिलाएं जिला अस्पताल में छोडक़र चली गई थी। उसी दिन युवती ने बालिका को जन्म दिया और मामला महिला एवं बाल विकास के बाद पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने मामले में अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई। युवती मूकबधिर होने से आरोपी के बारे में बता नहीं पा रही थी, इस पर वन स्टॉप सेंटर ने मूकबधिर शिक्षक का इंतजाम किया और युवती के इशारों पर पुलिस और जिला प्रशासन की टीम चूना खदान कांकड़ स्थित कबीर आश्रम में पहुंची थी, जहां से 6 अन्य महिला व युवतियों को रेस्क्यू कर लाया गया था। इनमें से 4 के नाबालिग होने पर सेवाधाम भेज दिया और 2 बालिग होने पर स्वेच्छा से अपने घर चली गई हैं। जिला प्रशासन ने पुलिस और नगर निगम की मदद से 25 नवंबर को चूना खदान आश्रम व जामगोद स्थित गोशाला में अवैध तरीके से बनाए आश्रम को जेसीबी से तोड़ दिया था। उस समय पुलिस ने मौके से शक्तिवर्धक दवाई का पैकेट भी जब्त किया था, जिससे एक बात सामने आ गई थी कि गोशाला में गलत काम होता था।
सवा माह की हुई बच्ची, मां-बेटी स्वस्थ
महिला एवं बाल विकास अधिकारी रेलम बघेल ने बताया, मां व बच्ची 6 नवंबर से जिला अस्पताल में भर्ती हैं। बच्ची सवा माह की हो चुकी है, जिसकी सुरक्षा के लिए हर समय एक पुलिस कांस्टेबल की ड्यूटी लगी है। युवती मूकबधिर होने से वह बच्ची को संभाल नहीं पाएगी, इसलिए आने वाले दिनों में दोनों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। समिति के निर्णय के बाद बच्चे और उसकी मां को अन्य जगह पर रखा जाएगा।
अन्य के साथ भी हुई होगी हरकत
आश्रम में सालों से मूकबधिर, मंदबुद्धि के अलावा अन्य नाबालिग, युवतियां और महिलाएं भी रहती थी। जिला प्रशासन ने जब रेस्क्यू किया था, उस दिन 4 नाबालिग व 2 बालिग लडक़ी को वन स्टॉप सेंटर पर लाया गया था। इन बालिकाओं की काउंसलिंग भी हुई थी, जिसमें उन्होंने गलत काम नहीं होना बताया था। इनका सामान्य मेडिकल भी हुआ था, लेकिन कुछ खास सामने नहीं आ पाया था। विशेषज्ञों की माने तो महिलाओं का मेडिकल उनकी सहमति पर ही होता है, जिसमें असल बात सामने आती है, लेकिन इनका सामान्य मेडिकल हुआ था।
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