नए साल की पार्टियों के लिए गाइडलाइन हुई जारी डीजे, डांस पर लगा प्रतिबंध..
धारा 144 के अंतर्गत कोचिंग में पढऩे वाले छात्रों के पालकों की सहमति होना आवश्यक
देवास। जिले में कोरोना वायरस के चलते समय-समय पर धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के तहत कुछ गतिविधियों को विनियमित किया जाता रहा है। इसके चलते मध्यप्रदेश शासन गृह सी विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्रमांक/एफ-35-09/2020/सी-2/दो, भोपाल 24 दिसम्बर के तारतम्य में पूर्व में जारी आदेशों में संशोधन करते हुए निम्नानुसार आदेश जारी किया गया है। जिसके चलते कलेक्टर ने नवीन आदेश जारी किए है।
1. विभिन्न कोचिंग संस्थानों की गतिविधियों में पूर्व में प्रतिबंध लगाकर बंद रखा गया था। इसमें संशोधन करते अब कोचिंग संस्थान उनमें बैठने की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत की क्षमता के आधार पर संचालन किये जाने कि अनुमति इस शर्त पर प्रदान की जाती है। कोचिंग प्राप्त करने वाले प्रत्येक छात्र/छात्राओं के अभिभावक की लिखित सहमति कोचिंग संचालक के पास कोचिंग संस्थान में अनिवार्य रूप से निरीक्षण के दौरान उपलब्ध रहनी चाहिए। बिना अभिभावक की लिखित अनुमति के अथवा 50 प्रतिशत की क्षमता से अधिक की क्षमता पर छात्र छात्राओं को कोचिंग दिए जाने पर ऐसी कोचिंग संस्थानों पर छात्र छात्राओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा को देखते हए बंद कराए जाने हेतु क्षेत्रीय सब डिविजन मजिस्ट्रेट को अधिकृत किया जाता है। सभी एसडीएम इस हेतु कोचिंग संस्थानों को निरीक्षण करते रहेंगे तथा उल्लंघन पाए जाने पर आवश्यक दण्डात्मक आदेश अपने स्तर से जारी कर सकेंगे।
2. मध्यरात्रि के आयोजनों के संबंध में :-
यह कि पूर्व वर्षों की भांति मैरीज गार्डन अथवा अन्य खुले क्षेत्रों में डीजे/डिस्को आदि की व्यवस्थाएं करते हुए होने वाले बड़े आयोजनों पर पूर्णरूप से प्रतिबंध रहेगा। ऐसे समस्त स्थल जो रेस्टोरेंट अथवा बॉर के रूप में खाद्य पदार्थ देने हेतु नियमित रूप से संचालित हो रहे है, वहां पर पूर्व में निर्धारित कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए उपलब्ध बैठक क्षमता तक ही ग्राहकों को लिया जा कर 31 दिसम्बर को अपना संस्थान संचालित कर सकेंगे। ऐसे रेस्टोरेंट/बॉर आदि में मात्र संगीत आदि का कार्यक्रम किया जा सकेगा तथा पृथक से डीजे आदि की व्यवस्थाएं नहीं की जा सकेगी। बिंदू क्रमांक 2 (ब) में उल्लेखित रेस्टोरेंट के उपलब्ध खुले क्षेत्र में उस क्षेत्र की क्षमता के 50 प्रतिशत क्षमता तक कुर्सियां लगाई जा कर आमजन को खाद्य पदार्थ दिया जा सकेगा। इन खुले क्षेत्रों में मात्र संगीत का कार्यक्रम हो सकेगा तथा डीजे अथवा डांस आदि की व्यवस्थाएं नहीं की जा सकेगी। इन सब आयोजनों में कोविड संबंधी समस्त सावधानियां जैसे-सेनेटाईजर, मास्क आदि का पालन कराना रेस्टोरेंट स्वामी के लिए अनिवार्य रहेगा। 31 दिसम्बर को कोई भी ऐसा कार्यक्रम नहीं किया जा सकेगा जिसमें पृथक से कोई टिकिट लगाया जा सके अथवा देवास के बाहर से कोई कलाकार बुलाकर पृथक से कोई कार्यक्रम आयोजित हो सके। सभी रेस्टोरेट स्वामी अथवा बॉर संचालक (एफएल-2, एफएल-3 अथवा एफल-5) लाईसेंसधारी आबकारी संचालक का यह दायित्व होगा कि वे लाईसेंस की सभी शर्तों का पालन करे तथा 21 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं को ऐसे स्थलों पर प्रवेश नहीं दिया जाए। अगर यह पाया जाता है कि उपरोक्त वर्णित युवा वर्ग को आबकारी लायसेंसधारी द्वारा शर्तों का उल्लंघन कर प्रवेश दिया गया अथवा शराब परोसी गई ऐसी स्थिति में क्षेत्रीय एसडीएम ऐसे स्थानों पर बॉर संबंधी समस्त संचालन गतिविधियों को क्षेत्रीय पुलिस एवं आबकारी अमले के सहयोग से बंद करवायेंगे।
बिना पूर्व एवं सक्षम अनुमति के जुलूस/आमसभा/ रैली, धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित रहेंगे। चूंकि यह आदेश जन साधारण की सुविधा हेतु तत्काल पालन हेतु प्रभावशील किया जाना आवश्यक हो गया है। इतना समय उपलब्ध नहीं है, कि जन सामान्य व सभी संबंधित पक्षों को उक्त सूचना की तामिली की जा सकें। अत: यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144(2) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया जाता है। आदेश से व्यथित व्यक्ति दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (5) अंतर्गत अधोहस्ताक्षरकर्ता के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यंत विशेष परिस्थितियों में अधोहस्ताक्षरकर्ता संतुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू शर्तो से छूट दे सकेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील रहेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आवेगा। अपने अनुभाग क्षेत्र में संबंधित एसडीएम/एसडीओ(पी) आदेश का पालन सुनिश्चित कराएंगे, उल्लंघन की स्थिति में भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 187, 188, 269, 270, 271 एवं डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 तथा द एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 के अंतर्गत कार्यवाही कर उल्लंघनकर्ता के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा। शेष आदेश एवं उसमें समय-समय पर दी गई छूट पूर्ववत लागू रहेगी।
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