भगवान कृष्ण ने भरा नानी बाई रो मायरा, कथा की हुई पूर्णाहूति..
भगवान कृष्ण ने भरा नानी बाई रो मायरा, कथा की हुई पूर्णाहूति
अंतिम दिवस : देवकन्या शारदा बाईसा ने भक्ति और भगवान से मिलने के लिए मीमांसा की
देवास। माँ केलादेवी उत्सव समिति द्वारा सनातन धर्म की रक्षा तथा विश्व कल्याण के संकल्प हेतु आयोजित तीन दिवसीय नानी बाई रो मायरो की कथा की शनिवार को पूर्णाहूति हुई। मीडिया प्रभारी रूक्मणि परमार ने बताया कि अंतिम दिवस देवकन्या शारदा बाईसा ने भक्ति और भगवान से मिलने के लिए घर परिवार का त्याग कर कठिन परिस्थितियों का सामना करने के वृतांत की मीमांसा की। इसके अलावा नानी बाई की लडक़ी के विवाह प्रसंग में नरसी मेहता द्वारा दोहिती का मायरा भरने आदि वृतांतों को संगीतमयी अंदाज में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि नानी बाई को उसकी सास और ननंद ने बहुत परेशान किया और बोला कि तेरे परिवार से कोई नहीं आया मायरा भरने। इस पर नानी बाई परेशान होकर भगवान ठाकुरजी का स्मरण करती है और अपनी सास से बोलती है। मेरे ठाकुरजी मेरा मायरा भरने आएंगे। नानी बाई भगवान से बोलती है कि भगवान आप ही मेरे सब कुछ हो अब आप ही मेरी लज्जा रखना। इसके बाद भगवान कृष्ण ने कहा रूक्मणी और मैं मायरा भरने आएंगे। इस पर नानी बाई ने अपनी सास से बोला क्या आप अपनी लिस्ट भेजो कितना मारा चाहिए। इधर दूसरे दिन भगवान नानी बाई का मायरा लेकर पहुंचे। यह देख नानी बाई की सास चकाचौंध रह गई। भगवान ने नानी बाई के ससुराल पक्ष के लिए एक से बढक़र एक चीज लेकर आए। मायरा भरने के बाद बाद फूलों की होली खेली गई।
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