पति के निधन के एक वर्ष बाद सास व जेठ ने दो बेटियों सहित विधवा बहू को घर से निकाला..

सास व जेठ ने पति के द्वारा कमाए रूपयों व स्वनिधि से खरीदे प्लाट को चालाकी से हड़प लिया
पुलिस अधीक्षक को सौंपा आवेदन, लगाई मदद की गुहार
देवास। पति की मृत्यु हो जाने के बाद विधवा को घर से सास व जेठ ने निकाल दिया। वहीं पति के द्वारा कमाई गई रकम से लिए गए प्लाट व बीमा पॉलिसी को चालाकी से हड़प लिया जिस पर विधवा अब पुलिस अधीक्षक कार्यालय आई जहां उसने आप बीती बताई व बताया की सास व जेठ के द्वारा हड़पे गए प्लाट को बेचकर मकान खरीदकर उस पर कब्जा जमा लिया गया है। अब विधवा अपनी दो बच्चियों के पालन पोषण को लेकर सास व जेठ द्वारा हड़पी संपत्ति को वापस मिलने की गुहार लगाए हुए है। पुलिस अधीक्षक को इस विषय पर आवेदन देकर कहा है की मुझ प्रार्थी को दिलाई जावे जिससे कि मैं अपना व अपनी दोनों पुत्रीयो का पालन पोषण कर सकूं। वर्तमान में विधवा महिला अपने पिता के घर इंदौर में निवासरत है, और अपनी दोनों बच्चियों के पालन पोषण को लेकर परेशान है।

          श्रीमती अलका पति स्व. अशोक बेडोदिया निवासी सुतार बाखल देवास हाल मुकाम त्रिलोक नगर इटावा उज्जैन रोड, देवास हाल मुकाम 21 संतमार्ग गांधी नगर इन्दौर पुलिस अधीक्षक कार्यालय देवास आई थी। जहां उसने अपनी परेशानी बताते हुए मौजूद मीडिया कर्मियों को बताया की उसकी सास श्रीमती पार्वतीबाई पति रमेशचन्द्र बेडोदिया व जेठ ने उनके पति के निधन के उपरांत बड़ी चालाकी से उनके पति के द्वारा कमाई रकम, बीमा पॉलिसी व स्वनिधि से खरीदा गया प्लाट हड़प लिया। यहां तक की प्लाट को बेचकर त्रिलोक नगर में एक मकान खरीद लिया जिस पर विधवा महिला अलका अपने पति का हिस्सा मांगने पहुंची तो सास व जेठ ने उन्हें दो बच्चियों के साथ घर से बाहर निकाल दिया। जिसके बाद इंदौर की संस्था महिला विधि सेवा संकल्प नारी उत्पीडऩ समिति सेवा व कांग्रेस कार्यवाहक महिला नेत्री श्रीमती रिटा डागरे एवं संस्था की उपाध्यक्ष ममता बाथम, सोनिया डागर के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय आई जहां उन्होने सास व जेठ के विरूद्ध आवेदन देकर उचित कार्रवाई की मांग की है। जिस पर श्रीमती रिटा डागरे ने बताया की मामले को लेकर कोतवाली थाना प्रभारी उमराव सिंह को उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। जिस पर अब आवेदिका अलका को 27 जनवरी को पुन: कोतवाली थाने पर बुलाया गया है।

यह दिया आवेदन
           मुझ प्रार्थीनी का विवाह अशोक बेडोदिया पिता रमेशचन्द्र बेडोदिया निवासी सुतार बाखल के साथ दिनांक 29.04.2006 को हिन्दु जाति रिती रिवाजानुसार संपन्न हुआ था, बाद विवाह के मै अपने पति के साथ संयुक्त परिवार में निवास कर अपने दायित्वों का निर्वाहन करती रही तथा मुझे अपने वैवाहिक जीवन में दो पुत्री वंशिका आयु 12 वर्ष, एवं कनिष्का आयु 10 वर्ष की उत्पन्न हुई है, मुझे अपने वैवाहिक जीवन में दो पुत्रियों उत्पन्न होने से मेरे ससुराल पक्ष के लोग मुझ प्रार्थी से सदैव नाराज रहते थे, बाद भी में अपने पति के साथ रहने अपने दायित्वों का निर्वाहन कर रही थी चूंकि मेरे पति द्वारा मुझे बहुत ही स्नेह पूर्वक अपने साथ रखा जाकर मेरा व मेरी दोनो पुत्रीयो का पालन पोषण किया जा रहा था। किन्तु दिनांक 8.8.2018 को मेरे पति अशोक बडोदिया का एक दुर्घटना के दौरान देहंात हो गया, बाद भी मैं अपने ससुराल में अपनी दोनों पुत्रीयों के साथ रही, मेरे पति की दुर्घटना में मृत्यु होने से नियमानुसार मुझ प्रार्थी को अपने लिये तथा अपनी दोनो अव्यस्क पुत्रीयो के जीवन यापन हेतु मुआवजा- राशी रूपये 4,00,000/ (चार लाख रुपये) प्राप्त हुआ था, बाद मुआवजा राशी को प्रतिप्रार्थी श्रीमती पार्वतीयाई पति रमेशचन्द्र जो कि मेरी सास है के द्वारा अपने बड़े पुत्र (मेरे जेठ संतोष पिता रमेशचन्द्र) के साथ मिलकर उक्त राशी को अपने कब्जे में सुरक्षा का हवाला देते लिया तथा मुझे आश्वासन दिया था कि दोनों बच्चीयो के नाम से एफडी करा देंगे। जिससे कि इनके वयस्क होने के बाद विवाह आदि में सहुलियत रहेगी, मैंने उन पर विश्वास किया था परंतु प्रतिप्रार्थीगण के मन मे बध्याति रही होने से दोनो के द्वारा एक मत होकर राशी प्राप्त करने को बाद मुझे प्रताडि़त करना आरंभ कर दिया तथा 11 जुलाई 2019 को मुझ प्रार्थी को दोनों अव्यस्क बच्चीयों के साथ अपने घर से निकाल दिया। जिससे अपने मायके में निवास कर रही हूँ। प्रतिप्रार्थीगण के द्वारा मेरे पति की मृत्यु उपरांत, उनके जीवनकाल में अपने स्वअर्जित धन से क्रय प्लाट को भी परभारे बेच दिया है। मै प्रार्थी प्रतिप्रार्थीगण से सदैव ही अपनी मुआवजा राशी की मांग करती जा रही हूँ परंतु प्रतिप्रार्थीगण द्वारा पहले टालमटोल की जाती रही। उपरांत अब मुझ प्रार्थी को धमकी दी जाने लगी है कि यदि अब यहां आई तो ठीक नहीं होगा, मेरे द्वारा अपने पति के नाम से रही बीमा पॉलिसी की कापी मांगने पर उनके द्वारा बीमा पॉलिसी भी नहीं दी जा रही है जो बीमा पॉलिसी मेरे पति के द्वारा उनके जीवनकाल में अपने नाम से तथा मेरे नाम से संयुक्त रूप से कराई गई थी वह भी नहीं दी जा रही है जिससे मैं प्रार्थीनी अत्यंत दयनीय स्थिति में जीवन व्यतीत कर रही हूं।

            श्रीमती अलका पति स्व. अशोक बेडोदिया ने बताया की उनके पति के प्लाट को बिक्री कर तथा प्राप्त मुआवजा राशी के आधार पर एक मकान सास व जेठ ने त्रिलोक नगर देवास में लिया है जिसमे मुझ प्रार्थी व मेरी दोनों पुत्रीयो का समान हिस्सा कायम है परंतु सास व जेठ मुझे उसमें हिस्सा नहीं दे रहे है। अलका ने पुलिस अधीक्षक के नाम आवेदन देकर कहा कि मुझ विधवा प्रार्थी को उक्तानुसार मेरे ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा ठगा जाकर मुआवजा राशी को हड़प कर तथा पति के द्वारा क्रय प्लाट बिक्री कर उसकी राशी हड़प ली है वह समस्त बीमा पॉलिसी की प्रति भी मुझ प्रार्थी को दिलाई जावे जिससे कि मैं अपना व अपनी दोनों पुत्रीयो का पालन पोषण कर सकूं यही निवेदन है।

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