प्रदेश अध्यक्ष को जताया हम किसी से कम नहीं..

प्रदेश अध्यक्ष को जताया हम किसी से कम नहीं..
कांग्रेस की राह पर चल पड़े भाजपाई, स्वागत करने के लिए मची होड़
अनुशासन भूले नेता..महापौर व पार्षद पद के लिए कतिपय नेताओं ने दिखाया शक्ति प्रदर्शन
(अमित व्यास)
देवास। आगामी कुछ माह में नगरीय निकाय चुनाव होना है, जिसको लेकर महापौर पद के लिए कई नेता दावेदारी कर रहे हैं। इसके लिए सभी नेता अपने-अपने स्तर पर प्रदेश अध्यक्ष को खुश करने की जुगत करने में जुट गए हैं। वैसे शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का देवास आगमन हुआ था, जहां विधायक समर्थकों ने अपनी और से प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत कर यह दिखाना चाहा की वह भी किसी से कम नहीं है। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष ने तो कुछ अलग ही अंदाज में प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत किया। इन्होनें प्रदेश अध्यक्ष को यह जता दिया की स्वागत सत्कार किसे कहते हैं। चामुण्डा कॉम्पलेक्स व भाजपा कार्यालय तक होर्डिग्स के साथ-साथ इस तरह से साउण्ड सिस्टम लगाए की जैसे कोई त्यौहार नजर आ रहा हो। जबकि दो दिनों पूर्व ही प्रदेश के मुखिया का देवास आना हुआ था, लेकिन उनका इस स्तर पर स्वागत कहीं भी नजर नहीं आया, जो शनिवार को देखने को मिला। कहा जाए तो जिलाध्यक्ष भी महापौर पद के लिए अपनी ताकत दिखाना चाह रहे थे जो उन्होनें दिखा दी। इस प्रकार का स्वागत करने का उद्देश्य भी सिर्फ इसी के तहत दिखाई दे रहा था। वहीं राजनीतिक रूप से कांग्रेस की और से इस प्रकार का धूमधड़ाका देखा जाता था, जो आज भाजपा ने दिखा दिया। कहें तो कांग्रेस की तर्ज पर भाजपाई गुटों ने प्रदेश अध्यक्ष को बताई अपनी-अपनी ताकत, सिर्फ इतना ही नहीं यहां तक की जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भाजपा कार्यालय पर जब पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा अनावरण के लिए पहुंचे तो कई कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष को चारों और से घेर लिया और उनके सामने ही कार्यकर्ताओं ने जमकर धक्का-मुक्की की, जबकि ऐसा कहा जाता है की भाजपा पार्टी में कार्यकर्ता अनुशासन के पक्के होते हैं लेकिन शनिवार को सारे नियमों को ताक पर रख दिया और ऐसे में कार्यकर्ताओं के बीच प्रतिमा का अनावरण किया गया। सिर्फ इतना ही नहीं भाजपा कार्यालय पर महापौर व पार्षद पद के दावेदारों ने इस प्रकार से अपना परिचय दिया की उन्हें ही टिकिट मिल जाएगा। वहीं उनके वार्ड नंबर भी जोर देकर बताया की वह उस वार्ड में निवासरत हैं। इस प्रकार के स्वागत से कितने खुश हुए हैं प्रदेश अध्यक्ष यह अब आने वाला वक्त ही तय करेगा, की किसे देवास के प्रथम नागरीक होने का सौभाग्य प्राप्त होगा।

 

       शनिवार सुबह से भाजपाई इंतजार में पलक पावड़े बिछाकर बैठे थे की कब उनके प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा देवास आएंगे और उनका स्वागत किया जाएगा। दोपहर के 12 बजे के बाद तो एबी रोड़ ऐसा लग रहा था मानो वाहनों का का मेला लग गया हो। रोड़ पर वाहनों का लगातार जाम लगता रहा, वहीं यातायात प्रभारी सुप्रिया चौधरी को यातायात संभालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, कई भाजपाईयों ने सडक़ों के किनारे स्वागत मंच बनाए थे जिसके चलते यातायात प्रभावित हुआ था। वहीं जब भाजपा कार्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष पहुंचे तो कार्यकर्ताओं का हूजुम इस तरह से लग गया जिसके कारण पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा अनावरण के दौरान कार्यकर्ताओं के बीच भारी धक्कामुक्की हुई, जिसके चलते अनुशासन प्रिय पार्टी गैर अनुशासन के साथ दिखाई दी। वहीं दोपहर से ही एबी रोड़ पर कोलाहल की दृष्टि से इतना शोरशराबा हुआ की वहां से जो भी आवागमन कर रहा था वह कानों पर हाथ रखे ही दिखाई दिया, लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यह सब उन नेताओं ने कार्यक्रम किया जिन्हें महापौर पद की दावेदारी करनी है जिसको लेकर अपनी और से शक्ति प्रदर्शन किया वहीं स्वच्छता की बात करने वाले प्रधानंमत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों को भी चूर-चूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी शहर के प्रमुख मार्ग को पोस्टर व होर्डिंग्स से पट दिया जिसके कारण वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष को अपना परिचय देतेे हुए वार्डों पर भी जोर देते हुए बताया की वह अब तक कितना कार्य कर चुके हैं। उस दौरान ऐसा लग रहा था की मानो उन्हें ही अब टिकिट मिल जाएगा। कहा जाए तो शनिवार को भाजपाईयों ने कांग्रेस की तर्ज पर अनुशासन को ताक पर रखकर प्रदेश अध्यक्ष को खुश करने की जुगत लगाई है, लेकिन इस प्रकार की कार्यप्रणाली से क्या प्रदेश अध्यक्ष खुश होकर महापौर की टिकिट अनुशासन तोडऩे वालों को देंगे यह अब आने वाला वक्त तय कर देगा।

कतिपय नेताओं ने दिखाया शक्ति प्रदर्शन
      कहते हैं की भाजपा पार्टी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों को मानकर चलती है, और पार्टी के कार्यकर्ता भी उन्हें आदर्श मानकर कार्य करते हैं, लेकिन जो शनिवार को देखने को मिला वह अनुशासन नहीं था। वहीं जहां तक चुनाव में टिकिट की बात करें तो अब तक अंदरूनी सर्वे और कार्यकर्ताओं के लिहाज से ही टिकट दिया जाता रहा है। भाजपा में कभी भी चुनावी टिकिट के लिए कार्यकर्ताओं को शक्ति प्रदर्शन दिखाना नहीं पड़ा चूंकि शनिवार को यह पहली बार देखा की प्रदेश अध्यक्ष के सामने कतिपय नेताओं को भारी शक्ति प्रदर्शन दिखाना पड़ा।

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