महापौर से लेकर पार्षद पद के दावेदार लगे धार्मिक आयोजनों में
भगवान को मनाकर, लोगों में धार्मिक आस्था बनाकर निगम चुनाव लडऩे की चाह
(अमित व्यास)
देवास। आगमी दिनों में नगरीय निकाय चुनाव होना तय है। राजनीतिज्ञों को टिकिट पाने के लिए क्या-क्या जतन करना पड़ते हैं यह भी इन दिनों देखने को मिल रहा है। वैसे तो महापौर पद के लिए यहां पहले की महिला सामान्य सीट हो चुकी है। उसको लेकर कुछ राजनीतिज्ञ अपनी-अपनी पत्नियों को चुनावी मैदान में ला रहे हैं। वैसे तो इन महिलाओं ने सामाजिक रूप से कोई कार्य ऐसा नहीं किया जिससे यह कहा जा सके की यह महिला इस पद के लिए योग्य उम्मीदवार है। लेकिन राजनीतिक रूप से ही सही कुर्सी पाना है इसके लिए कैसे भी हो जतन किए जा रहे हैं। जिसके चलते पार्षद पद के उम्मीदवार सहित महापौर पद के दावेदार इन दिनों भगवान के चरणों में आरधना करने में जुटे हुए हैं। जहां देखे वहां पर श्रीमद भागवत गीता, कलश यात्रा दावेदारों की और से की जा रही है। वहीं कई पूर्व पार्षद तो इन दिनों क्षेत्र में विकास कार्य होने को लेकर श्रेय भी लेने में लगे हुए हैं। कहा जाए तो धार्मिक कार्य की और दावेदारों का रूझान बढऩे लगा है, हांलाकि यह अच्छा भी है। फिर चाहे राजनीति में ही सही किंतु दावेदार भगवान का स्मरण तो कर रहे हैं, लेकिन उनकी मंशा सिर्फ कुर्सी पर टिकी हुई है जिसके चलते उन्हें क्या फल मिलता है यह तो आगामी दिनों में पता चल सकेगा। फिलहाल दावेदार लोगों के मन में धार्मिक कार्य कर अपनी जगह स्थापित करने में जुटे हुए हैं।
पिछले कुछ दिनों से शहर में श्रीमद भागवत कथा, सहित अन्य धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। खासकर यह आयोजन नगरीय निकाय चुनाव को लेकर होना प्रतीत हो रहा है। क्योंकि पिछले दिनों इटावा क्षेत्र में कांग्रेसी नेता के द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया गया था। यह नेता पार्षद पद के लिए टिकिट की दावेदारी कर रहे हैं। इन्होनें लोगों के मन में धार्मिक रूप से लौ जगाई है जिसके चलते क्षेत्र में यह अपने आप को पार्षद के रूप में देख रहे हैं। इसी के चलते अब एक कांग्रेसी नेता जो महापौर पद की दावेदारी कर रहे हैं, इन्होनें भी लोगों के मन में जगह स्थापित करने के लिए धार्मिक कार्य का सहारा लिया यह भी भागवत गीता के माध्यम से लोगों को यह जताने में लगे हैं की जब भागवत गीता कर सकते हैं तो शहर में भी अच्छा कार्य कर सकते हैं। हांलाकि इन राजनीतिज्ञों की पत्नियां कभी राजनीति में नहीं आई है न ही इनकी पत्नियों ने कभी कोई सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लिया है। अब ऐसे में इन राजनीतिज्ञों पर कैसे भरोसा किया जाए। वहीं सूत्रों के मुताबिक बताया गया है की इस कांग्रेसी नेता ने पिछले दिनों एक बैठक पार्टी की हुई थी जिसमें भोजन की व्यवस्था इनके माध्यम से की गई थी ताकि पार्टी के पर्यवेक्षक सहित अन्य बड़े नेताओं को मान मन्नोवर कर मना सके। इसके अलावा एक पार्षद के दावेदार इन दिनों क्षेत्र के लोगों को धार्मिक यात्राएं भी करा रहे हैं जो धार्मिक यात्रा कर यह जता रहे हैं की क्षेत्र में बचे कार्य को पार्षद बनते ही करा देंगे। इसके साथ ही लोगों के मन में अपनी जगह स्थापित करने के लिए कोई कसर नहीं छोडऩा चाह रहे हैं।
वहीं भाजपा की बात की जाए तो इनकी पार्टी के कुछ पार्षद पद की दावेदारी करने वाले नेता इन दिनों सोशल मीडिया पर भी छाए हुए हैं। इन नेताओं में से एक नेता ने क्षेत्र में सडक़ बनने पर सोशल मीडिया पर यह बताना चाहा की उक्त सडक़ का निर्माण कार्य उनके द्वारा ही किया गया हो। चूंकि जब वह पार्षद पद पर आसीत थे तो उस दौरान न तो उन्होनें कभी वार्ड की चिंता की न ही क्षेत्र में विकास कार्य को लेकर कार्य करने की कोई योजना बनाई ऐसे में सोशल मीडिया पर सिर्फ वाह-वाही लूटने का कार्य इन दिनों इन भाजपा के नेता द्वारा किया जा रहा है।
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