बच्ची को जन्म देने के तीन दिन बाद माँ की हुई थी मौत..
जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही आरोही 21 दिन के बाद अमलतास हॉस्पिटल में हुई स्वस्थ
देवास। शहर से उज्जैन रोड़ पर करीब 10 किमी दूर स्थित अमलतास अस्पताल में एक ऐसी बच्ची का नि:शुल्क उपचार किया गया, जिसकी माँ की मृत्यु बच्ची को जन्म देने के बाद हो गई थी। माँ की मौत होने के बाद बच्ची की स्थिति काफी नाजुक थी, जिसका उपचार अमलतास अस्पताल में किया गया था। अब बच्ची बिलकुल स्वस्थ्य है व आज शाम को बच्ची को अस्पताल से घर भी भेज दिया गया है। अब बच्ची के पिता व परिजन बच्ची की देखभाल करेंगे।
अमलतास अस्पताल में उपचारत बच्ची के पिता सूरज वर्मा ने बताया की उनकी पत्नी पूजा वर्मा की प्रसूति इंदौर के निजी अस्पताल में हुई थी। जहां बच्ची को जन्म देने के बाद उसकी मृत्यु हो गई थी। सूरज ने बताया की वह न्यू देवास कॉलोनी में निवासरत है, उसकी पत्नी पूजा को निमोनिया हो गया था व सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जिस पर पहले उज्जैन व उसके बाद इंदौर में उपचार कराया था। उन्होनें बताया की उसकी पत्नी को आठ माह का गर्भ था। ऐसे स्थिति में इंदौर के एमटीएच अस्पताल में उनकी पत्नी का ऑपरेशन 24 मई को हुआ जहां बच्ची को जन्म देने के तीन दिनों के बाद माँ की मौत हो गई थी।
उसके बाद बच्ची की हालत नाजुक थी। इसके बाद क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता किरण शर्मा व उनकी सहायिका माया सोलंकी ने सूरज की बहुत मदद की और पूरे मामले को लेकर कलेक्टर श्री शुक्ला को अवगत कराया था। जिसके बाद कलेक्टर श्री चन्द्रमौली शुक्ला के निर्देश पर बच्ची को अमलतास हॉस्पिटल में उपचार के लिए भर्ती किया गया था। बच्ची के पिता सूरज ने बताया की उनकी पत्नी ने बच्ची का नाम पूर्व से सोचकर उसका नाम आरोही रखा है।
इस संबंध में अमलतास अस्पताल के प्रबंधक विजय जाट ने बताया कि 28 मई को एक बच्ची को अमलतास हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, बच्ची को जन्म देने देने के बाद बच्ची की माँ की मृत्यु हो गयी थी सारी जानकारी अमलतास हॉस्पिटल के चेयरमैन मयंक राज सिंह भदौरिया को पता चलने के बाद बच्ची का ईलाज नि:शुल्क किया गया। बच्ची के परिजनों के द्वारा हॉस्पिटल के डॉक्टरों व स्टाफ की प्रशंसा की गई। शिशु रोग विशेषज्ञ नेहा काकानी ने बताया की 28 मई को बेबी ऑफ पूजा सीवियर सैफ्टी सीमिया के साथ लो बर्थ वेट के साथ अमलतास में आई थी।
इसकी मां को निमोनिया था तथा बच्ची के जन्म के तीन दिन बाद मां की मृत्यु हो गई थी। बच्ची को गंभीर अवस्था में अमलतास लाया गया और बच्ची को ऑक्सीजन पर रखा गया। चूंकि उसकी मां को कोरोना के लक्षण थे, इसलिए बच्ची की कोरोना जांच करवाई गई जिसमें बच्ची की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। उसे ब्लड भी चढ़ाया और एंटीबायोटिक इंजेक्शन दिया गया। सही देखभाल से उसकी सेहत में बहुत सुधार हुआ और आज बच्ची बिल्कुल स्वस्थ है और उसे डिस्चार्ज भी कर दिया है। निशुल्क दवाइयां, इन्वेस्टिगेशन जांच, एनआईसीयू चार्ज अस्पताल द्वारा नि:शुल्क किया गया। नर्सिंग स्टॉफ इलियास खान इंचार्ज, राकेश पटेल, संजय प्रजापत, दिनेश पडियार, मोनिका आदि ने बच्ची की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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