आंगनवाडी कार्यकर्ता को कोरोना काल में सेवा देने के बदले मिला इनाम, एक माह का मानदेय काटा, जिलाधीश को दिया आवेदन.....
आंगनवाडी कार्यकर्ता को कोरोना काल में सेवा देने के बदले मिला इनाम, एक माह का मानदेय काटा, जिलाधीश को दिया आवेदन
देवास। आंगनवाडी कार्यकर्ता को कोरोना काल में सेवा देने के बदले में इनाम के रूप में एक माह का मानदेय काट लिया गया। अर्चना चौहान पडियार कालोनी वार्ड क्र. 18/2 की आंगनवाडी कार्यकर्ता ने जिलाधीश को आवेदन देकर बताया कि मैं कोविड-19 की वेक्सीनेशन अनामय स्कूल बावडिया में ड्यूटी पर थी। जहां पर मैने शाम 7 बजे तक कार्य किया तब अचानक मेरा पैर फिसल जाने के कारण मेरा हाथ फे्रक्चर हो गया और मेरी कलाई मुड गई जिसके बाद मुझे 1 माह 15 दिन का पट्टा चढ़ाया गया। जिसके कारण मैं आंगनवाडी का कार्य करने में असमर्थ थी लेकिन इस स्थिति में भी मैंने आंगनवाडी का कार्य मोबाईल और लिखित में किया। पोषण ट्रेकर, लाड़ली लक्ष्मी, छात्रवृत्ति आवेदन, टीएचआर. पंजी, आरटीई पंजी, पंचनामा पंजी, एमपीआर मासिक आदि कार्य मेरे पति की सहायता से किये। तथा सुपरवाइजर को भी इसकी सूचना की कि मेरा हाथ फे्रक्चर हो गया है। इसी बीच मेरी माता की मृत्यु हो गई इस कारण मैं आवेदन समय पर प्रस्तुत नहीं कर पाई।
जिसके कारण मेरी 20 सीएल काट ली गई और मेरा जुलाई माह का मानदेय भी काट लिया गया। मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है मेरे पति बेरोजगार हो गए है तथा मेरी एक 8 वर्ष की बालिका है। इन सभी के भरण पोषण का एक मात्र साधन आंगनवाडी से मिलने वाला मानदेय है। सुपरवाईजर दिलशाद शेख एवं परियोजना अधिकारी प्रियंका जायसवाल को मेरी आर्थिक स्थिति एवं बीमारी पता होने के बाद भी इन लोगों ने जानबूझ कर मुझे परेशान करने की नियत से मेरा जुलाई माह का मानदेय काट लिया। सुपरवाईजर दिलशाद शेख ने मुझसे दो माह के अवकाश का आवेदन भी जबरन लिखवाकर साईन करवा लिए है। जबकि मैने दोनों माह में अपना कार्य पूरा किया है। और वर्तमान में भी मेरे द्वारा केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। अर्चना चौहान ने जिलाधीश से मांग की है कि मुझेे जुलाई माह 2021 का मानदेय दिलाया जाए, जिससे कि मेरे परिवार का भरण पोषण हो सके। अर्चना चौहान ने बताया कि मैं जिला कार्यालय पर अधिकारी को आवेदन देने गई थी। लेकिन वहां पदस्थ संतोष वर्मा ने मेरा आवेदन लेने से मना कर दिया इसलिए मुझे जिलाधीश को आवेदन देना पड़ा।
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