आबकारी विभाग की शह पर हो रहा जहरीली शराब का निर्माण व बिक्री......?

ससुर व बहू कर रहे थे अवैध शराब का परिवहन, पुलिस ने गश्त केे दौरान पकड़ा
देवास। प्रदेश में चारों और जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है हाल ही में जहरीली शराब पीने से मंदसौर और इन्दौर में हुई मौतों के पश्चात शासन व प्रशासन हरकत में आया और सख्ती के साथ सभी क्षेत्रों में धडल्ले से बिक रही अवैध जहरीली शराब माफियाओं पर कार्यवाही करना शुरू कर दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जहरीली शराब बेचने वाले अपराधियों पर सख्ती बरतते हुए फाँसी की सजा देने का कानून बनाने का फैसला लिया। लगातार जहरीली शराब से हो रही मौतों के बावजूद भी सोनकच्छ आबकारी विभाग कुंभकरणी नींद सोया हुआ है क्षेत्र में चारों और अवैध मादक पदार्थ, जहरीली शराब की बिक्री धड़ल्ले से बेखौफ चल रही है। ऐसा नहीं है कि आबकारी विभाग को इसकी जानकारी नहीं है, बल्कि यह कहा जा सकता है कि आबकारी विभाग की शह पर ही यह अवैध और मौतों का कारोबार किया जा रहा है। जहरीली शराब की बिक्री को लेकर आबकारी अधिकारी राजकुमारी मण्डलोई से कई बार फोन पर संपर्क करना चाहा किंतु उनके द्वारा फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा। गुरूवार सुबह जिले के सोनकच्छ में पुलिस गश्त के दौरान इंदौर-भोपाल हाईवे पर पुष्पगिरी तीर्थ स्थल के सामने बने चौराहे पर एक व्यक्ति व एक महिला हाथ में झोला लेकर मोटरसायकल क्रमांक एमपी 41 ए जेड 2108 के साथ खड़े थे। चेक करने पर झोले में अवैध जहरीली शराब पाई गई पूछताछ करने पर राजेश पिता बनेसिंह जाति कंजर व रवीना पति पिकेंश जाति कंजर दोनों निवासी ग्राम ओड़ होना बताया। दोनों रिश्ते में बहु व ससुर लगते है जिनके पास करीब 30 लीटर जहरीली शराब जब्त की गई। मामले में थाना प्रभारी हितेश पाटिल ने आबकारी अधिनियम अंतर्गत धारा 34 में प्रकरण पंजीबद्ध किया।

शराब उत्पादन के अवैध कारोबार कंजर डेरो में अपनी जड़ जमाता जा रहा है। जगह-जगह कुटीर उद्योग की तरह कच्ची शराब बनाने और बेचने का धंधा फलफूल रहा है। इसकी रोकथाम के लिए आबकारी विभाग की कार्रवाई केवल इक्का-दुक्का लोगो पर हो रही है यही कारण है कि क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक स्थानों पर कच्ची दारू का उत्पादन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। रात भर का समय गुजरने के बाद एक-दो लीटर नहीं, बल्कि सैकड़ों लीटर कच्ची शराब तैयार हो जाती है। तैयार हो चुकी कच्ची दारू की बिक्री अपने तय स्थान और समय पर होती है।

 

उत्पादन के बाद पुष्पगिरी रोड सांवेर, गंजपुरा, बस स्टैंड, महाराणा प्रताप चौक, डाक बंगला रोड़, सोनकच्छ के ईट भट्टों एवं अन्य गांवों में कच्ची शराब की बिक्री आम बात हो चुकी है। कारोबारियों ने आबकारी विभाग को चकमा देने के लिए अपनी कच्ची दारू का दाम आधा कर दिया है। इससे जहां ठेके की दुकानों पर 80 से 90 रुपये में शराब मिलती है। वहीं कच्ची दारू मात्र बीस रुपये में गांव- गांव खुलेआम बेची जा रही है। भारी मात्रा में बन रही कच्ची शराब की लत में इन दिनों युवा वर्ग आता जा रहा है, ओर आबकारी विभाग कुंभकरण की भांति सोया हुआ है। कंजर डेरो के आस पास की किराना दुकानो में बडी संख्या में गुड़, फिटकरी एवं शराब पेक करने की पॉलिथीन को जमा किया गया है। जिसके कारण इन लोगो को कच्ची शराब बनाने के लिए कच्चा माल आसानी से मिल जाता है।

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