बेईमानी से कमाया गया धन चूहा मार दवा के समान है : पंडित पुष्पा नंदन तिवारी
बेईमानी से कमाया गया धन चूहा मार दवा के समान है : पंडित पुष्पा नंदन तिवारी
देवास। बेईमानी, अधर्म, अनाचार से कमाया गया हर प्रकार का धन चूहामार दवा के समान है। जिस संसार में रहते हुए अनाचार, अत्याचार, के द्वरा धन का संग्रहण कर रहे हैं। उसका फल हमें ही भोगना पड़ेगा। पत्नी का धर्म है कि अगर पति बेईमानी की कमाई लेकर घर सामान लेकर आता है तो उसे रोके।क्योंकि वह एक चूहा मार दवा के समान है। क्योंकि उसको खाने के बाद बचेगा नहीं। इसलिए धन बहुत ही सावधानी से अर्जित और उपयोग करना चाहिए। यह शिक्षा हमें सत्संग से मिलती हैं। गुरु यदि तुम्हारा अच्छा है, तो गोविंद जरूर मिलेगा। लेकिन गुरु ही अगर श्रेष्ठ नहीं है, तो गोविंद कहां से मिलेगा।

यह विचार महेश्वरी श्री राम मंदिर भेरूगढ़ में नानी बाई के मायरे मेंआचार्य पंडित पुष्पानंदन तिवारी ने व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि ना तो राहु खराब है, ना केतु खराब है, ना मंगल खराब है। हमारा कर्म ही खराब होता है। त्याग करने से ही शांति संभव है। जिस तरह शरीर का नेचर हैं ग्रहण करके त्याग करना।वैसे ही धन धर्म करने का है, इकट्ठा करने का नहीं। इस संसार मे इकट्ठा करने की ही परंपरा बनी है हुई हैं। जब आदमी मर जाता है, तो उसके ऊपर पैसा उड़ाया जाता है, कि पैसा साथ नहीं जाएगा और ना पैसा पेट भरेगा। पैसे से जो किया गया वहीं पेट भरेगा। वही कर्म तुम्हारे जीवन की नैया को पार लगाएगा। वही तुम्हें सुख भी देगा। जीवन में यदि हमेशा धर्मों में लगे रहे तो आपकी रिपोर्ट नॉर्मल ही आएगी। हमारी समस्या का हरण हमारे पापों का नाश करें चुराए उसका नाम है चित चोर। आपके पाप को कोई नहीं चुरा सकता चितचोर के सिवा। पुण्य तो कोई भी चुरा सकते हैं। पितरों की आराधना अगर हमने भाव से की है तो परेशानी अपने आप दूर हो जाएगी। स्टील या लोहे के दीए जलाने से पूर्वज नाराज होते हैं। जिससे खुशियां नहीं आएगी आधुनिक युग में हम लोगों ने गृहस्थि के सारे नियम बिगाड़ कर रख दिए हैं। पूर्वजों द्वारा बताया गया नियम अगर हम जीवन में उपयोग में लाएंगे तो कभी परेशानी आएगी ही नहीं और हमारे आने वाली पीढ़ी भी संस्कारवान होगी।आयोजक मंडल के महेश चंद्र झवर एवं पुरुषोत्तम झंवर सहित धर्म प्रेमी जनता ने बड़ी संख्या में कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।
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