परमात्मा में चित्त लगाओ, अंत में चिंता नहीं करना पड़ेगी : पं. पुष्पानंदन तिवारी
परमात्मा में चित्त लगाओ, अंत में चिंता नहीं करना पड़ेगी : पं. पुष्पानंदन तिवारी
देवास। सांसारिक लोग परमात्मा को भूलकर माया में चित्त लगा रहे हैं। जो साथ जाएगी ही नहीं उसमें चित्त लगाने से क्या फायदा। चित्त लगाना ही है तो उस परम पिता परमेश्वर में लगाओ। माया में चित्त लगाओगे तो अंत में चिंता करनी पड़ेगी। लेकिन अगर परमात्मा में चित्त लगाओगे तो चिंतन करोगे। चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम संसार में आकर प्रभु को भूल जाते हैं। उस परमात्मा को कभी नहीं भूलना चाहिए। परंतु जो साथ जाएगा ही नहीं उसमें हमारा चित्त ज्यादा लगता है। और जो साथ जाना है उसका हम चिंतन ही नही करते हैं। चित्त नहीं लगाते। जीवन में संघर्ष तो करना पड़ेगा। जब भगवान को संघर्ष करना पड़ा तो हम तो उसके बनाए हुए पुतले हैं। फिर संघर्ष से डरना क्यों। यह विचार कथा वाचक प.पुष्पानंदन तिवारी कांटाफोड़ वाले ने स्थानीय अग्रवाल धर्मशाला नयापुरा में आयोजित की गई श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के सातवें दिन सोमवार को व्यक्त किए।
इस दौरान मां चामुंडा सेवा समिति द्वारा रामेश्वर जलोदिया के नेतृत्व में कथावाचक श्री तिवारी एवं आयोजक मंडल के हनुमान प्रसाल अग्रवाल, कला अग्रवाल का शाल, श्रीफल, चुनरी ओढ़ाकर पुष्पमाला से आत्मीय स्वागत किया गया। श्री रणवीर हनुमान रामायण मंडल के अध्यक्ष अशोक जाट, मां चामुंडा सेवा समिति के नरेंद्र मिश्रा, रामेश्वर जलोदिया, इंदर सिंह गौड़, दिनेश सांवलिया, शशिकांत गुप्ता, प्रदीप लाठी, नारायण व्यास, मीनाक्षी पुजारी, दुर्गा व्यास, नरेंद्र नागर, कमल चौहान, आयोजक मंडल के हनुमान प्रसाल, अग्रवाल, कला अग्रवाल, राधे महिला मंडल, मारवाड़ी महिला मंडल, अग्रवाल महिला मंडल, ताराचंद सिंघल आदि ने व्यास पीठ की पूजा अर्चना की। आयोजक मंडल सहित धर्म प्रेमी नागरिकों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर धर्म लाभ लिया।
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