जहां ज्ञान का जन्म होता है वहां पाप की हथकडिय़ां खुल जाती हैं : धर्माचार्य पाठक

भाजपा जिलाध्यक्ष ने व्यास पीठ की पूजा अर्चना कर महाराज का स्वागत किया
देवास। जहां ज्ञान का जन्म होता है, जहां धर्म की महिमा बढ़ती है। वहां पाप की हाथकडिय़ां अपने आप खुल जाती है, और जहां माया का जन्म होता है, वहां भक्ति खो जाती है। जो धर्म से जुड़ा होता है वहां धार्मिक प्रवृत्ति का जन्म होता है, और जहां अधर्म अत्याचार का जन्म होता है वहां विपत्ति ही विपत्ति है। सनातन धर्म में हमारे महान धर्मग्रन्थों की शास्त्रों की बातें मान ले, उनके विचारों पर चलें ओर उसको आत्मसात करने लगे, घर में बड़े बुजुर्गों की बात मानने लगे तो हमारा घर ही सुंदर कांड हो जाता है, फिर सब सुंदर ही सुंदर लगने लगता है, नहीं तो लंका कांड हो जाएगा। काम, क्रोध, मद, लोभ जब आ जाए तो वही दशानंद है, और दशानन कहीं नहीं है।

हमारे अंदर ही अहंकार रूपी दशानन बैठा हुआ है। यह विचार 2 अप्रैल से 8 अप्रैल तक आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में मंगलवार को व्यासपीठ से कथावाचक धर्माचार्य पाठक ने व्यक्त किए। कथा में आज भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पुष्पवर्षा कर आतिशबाजी कर ढोल धमाके के साथ कथा पंडाल में भगवान श्री कृष्ण को लाया गया।

इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल व विक्रम चौधरी के मुख्य अतिथि में भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप व व्यासपीठ की पूजा अर्चना कर आयोजक मंडल के ओमप्रकाश कुमावत, अनिता कुमावत, बनेसिंह कुमावत ने महाआरती की व धर्माचार्य पाठक का पुष्प मालाओं से स्वागत किया। नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजन की संगीतमय प्रस्तुति से माहौल धर्म में हो गया भक्त झूमने लगे। इस अवसर पर शुभम जाधव, सोनू माली सहित बड़ी संख्या में शामिल होकर धर्मप्रेमियों ने कथा श्रवण की। कथा प्रतिदिन 12 से 4 तक आयोजित की जा रही है।

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