कपिलधारा कूप निर्माण में पाई गई अनियमितताएं......

ग्राम बेहरी में 126 कपिलधारा कूप निर्माण हुए, इनमें से 10 संबंधित रोजगार सहायक परिवार के
देवास। जिले के बागली तहसील के ग्राम पंचायत बेहरी में वर्ष 2014 में असिंचित कृषक हितग्राही मूलक योजना में शामिल कपिलधारा कूप निर्माण योजना किसानों के लिए आर्थिक संबल बनी है। लेकिन कुछ ग्राम पंचायतों में इसका दुरुपयोग हुआ है। उसी में शामिल बागली जनपद की ग्राम पंचायत बेहरी में 126 कपिलधारा कूप निर्माण हुए हैं। इनमें से 10 संबंधित रोजगार सहायक परिवार के बताए गए है।

5 कूप निर्माण एक ही परिवार के शामिल है उसी प्रकार 17 कूप ऐसे भी हैं जिन्होंने दान दक्षिणा नहीं दी तो उनके हुए अधूरे छोड़ दिए गए। अनियमितता की हद तो जब हो गई तब 22 कूप निर्माण ऐसे व्यक्तियों के करा दिए गए हैं। जिनके यहां पहले से सिंचाई के लिए यह साधन उपस्थित थे। उन्हीं को नवनिर्माण बताकर राशि निकाल ली गई। इस मामले की शिकायत क्षेत्र के पूर्व सांसद अरुण यादव से करने पर उन्होंने बताया कि मामला गंभीर है। और इसकी जांच होना चाहिए अनियमितता करने वाले व्यक्ति सिर्फ पंचायत से संबंधित ही नहीं रहते इस मामले में पटवारी नोडल अधिकारी जनपद सीईओ इंजीनियर और तहसीलदार भी शामिल है। जिन्होंने झूठे दस्तावेज लगाकर इन योजनाओं को स्वीकृत किया है। सभी पर कार्रवाई होना चाहिए क्षेत्र से संबंधित जिला पंचायत सदस्य रानी कमल मस्कूले ने बताया कि यह योजना सीमांत कृषक और असिंचित भूमि के भूमि स्वामी कृषकों के लिए है इसमें आदिवासियों को प्राथमिकता दी जाना चाहिए थी। लेकिन इस पंचायत में संपन्न वर्ग को प्राथमिकता दी है। आदिवासी वर्ग आज भी कपिलधारा योजना की वेटींग लाइन में लगा है। इस मामले की पूरी जांच होना चाहिए।

यह है मुख्य बिंदु
वर्ष 2015 के बाद हुए इस भ्रष्टाचार में तीन सचिव पदभार पर आए दो जनपद सीईओ दो इंजीनियर दो नोडल अधिकारी लेकिन रोजगार सहायक वही रहे उन्हीं के सहयोग से सारी योजनाओं को अपात्र लोगों को दिया गया। इस पूरे मामले में एक बात और सामने आई राजकीय तौर पर 8 से अधिक स्थानों पर कूप का निर्माण किया गया है। इसमें चार हुए सिर्फ कागजों पर खोदे गए वास्तविक कृषि भूमि धरातल पर कुछ नहीं है। लेकिन राशि पूरी निकाली गई।
तात्कालिक जनपद सीईओ अमित व्यास में शिकायत करने पर शिकायत करता हूं कि सभी हितग्राही मूलक योजना रोक दी महिला कृषक नेहा गोस्वामी द्वारा इस मामले की शिकायत की तो उनके परिवार के कपिलधारा कूप निर्माण अधूरे छोड़ दिए गये। आदिवासी हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ भी संपन्न वर्ग को दिया गया है मनरेगा के तहत जॉब कार्ड संपन्न लोगों के भरकर राशि निकाली गई। पीडि़त लोगों ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो द्वेष ता पूर्वक कार्यवाही करते हुए उनके कुएं अधूरे छोड़ दिए एक हितग्राही ने दक्षिणा के रूप में 25 हजार रूपए दिए उसका कूप निर्माण भी अधर में लटक गया।

हितग्राहियों की सूची इस प्रकार है
1 रमेश जमादार( अनुसूचित जाति) 2 सुरेश चंद्रवंशी( अनुसूचित जाति) 3 हितग्राही मंजू पति गणेश द्वारा इनके आश्वासन मात्र पर कपिलधारा कूप निर्माण पूर्ण कर लिया ढाई लाख रुपए का कर्ज जमीन गिरवी रख कर लिया। लेकिन अब उसे दस्तावेज आपूर्ति मना कर रहे हैं संबंधित किसान का कहना है कि इनके कहने पर उसने खेत गिरवी रख कर जा ले लिया है अब उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं है उसी प्रकार इंदर पिता दरियाव का कूप निर्माण अधूरा है। और पूरा बता कर राशि न जाने किस मद में डाल दी हितग्राही नेहा हीरालाल गोस्वामी ने बताया कि उनका कुआं अधूरा है और पूरा पानी बताकर उसे बंद कर दिया है जबकि वह सुखा है अभी पानी नहीं निकला है।

Comments