श्री सम्मेद शिखर जी तीर्थ को पर्यटक स्थल घोषित करने पर सोनकच्छ में जैन समाज का विरोध....
जैन मंदिर से नगर में मौन रैली निकाली, तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
देवास। जैन समाज के महातीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी तीर्थ को सरकार ने पर्यटन स्थल घोषित किया है। जिसका सोनकच्छ में जैन समाज ने विरोध कर जैन मंदिर से नगर में मौन रैली निकाली और तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
आपको बता दें कि श्री सम्मेद शिखर जी तीर्थ को सरकार ने पर्यटन स्थल घोषित किया है। अब इसका विरोध लगातार बढ़ते जा रहा है। आज शुक्रवार को आचार्य श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज ने जैन मंदिर के सामने समाजजनों को संबोधित कर मौन रैली को रवाना किया। मौन रैली में सभी समाजजन तहसील कार्यालय पहुंचे जहां उन्होनें तहसीलदार राधा महंत को ज्ञापन सौंपा।
यह दिया समाजजनों ने ज्ञापन
जैन समाज के सर्वोच्च एवं शाश्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी तीर्थ की पहाडिय़ों को पर्यटन स्थल घोषित कर संपूर्ण जैन समाज की धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात किया गया है। जैन समाज का यह महातीर्थ अगाध श्रद्धा का केन्द्र है, यहां से जैन समाज के बीस तीर्थंकर व असंख्य मुनिराज मोक्ष गए हैं तथा हजारों की संख्या में धर्मानुरागी प्रतिदिन पहुंचते हैं व धर्म साधना करते हैं। यदि सरकार श्री सम्मेद शिखर जी तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित करती है तो यहाँ विलासिता बढ़ेगी, मांसाहार का विक्रय होगा ओर कई तरह के अनैतिक कार्य होंगे। इससे सिद्धक्षेत्र सम्मेद शिखर जी की पवित्रता और आस्था का मूल भाव प्रभावित होगा। श्री सम्मेद शिखर जी तीर्थ मोक्ष स्थली होने के कारण यहां का कण-कण प्रत्येक जैन बंधु के लिए पूज्यनीय व वंदनीय है। अत: श्री सम्मेद शिखर जी तीर्थ को पर्यटन क्षेत्र घोषित करना जैन समाज की धार्मिक आस्था पर प्रहार है, धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है। सोनकच्छ जैन समाज तथा संपूर्ण भारत की जैन समाज इस निर्णय का तीव्र व कड़ा विरोध करती है। जैन समाज अहिंसक है पर कायर नहीं। शासन इस निर्णय को वापस लें। संपूर्ण जैन समाज शासन के इस निर्णय की तीव्र निंदा करता है। सोनकच्छ जैन समाज निवेदन करती है कि उक्त आदेश पर संज्ञान लेकर तुरंत कार्यवाही करने के आदेश जारी कर अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ न्याय करने की कृपा करें।
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