सरकार के खिलाफ लामबंध हुई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं, सहायिकाएं.....

कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने खून से लिखा मुख्यमंत्री को पत्र 



देवास। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ अब सरकार के खिलाफ लामबंध होती नजर आ रही है। सोमवार को भी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के द्वारा प्रदर्शन किया था। जिसमें उन्होनें मानव श्रृखंला बनाकर विरोध प्रकट किया था। कार्यकर्ताओं द्वारा मंगलवार को भी आंदोलन जारी रहा। इस दौरान मंडूक पुष्कर तालाब धरना स्थल पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने धरने अपनी मांगों को खून से पोस्टकार्ड पर लिखा और यह कार्ड मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पोस्ट किया।



आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने सोमवार कोअपनी विभिन्न मांगों को लेकर शहर के प्रमुख मार्ग पर प्रदर्शन किया था। जिला उपाध्यक्ष श्रीमति उमा तिवारी ने बताया कि सीएम के लिए यह खून से पत्र लिखे गए है। हमारी मुख्य मांगे है जिसमें सबसे प्रमुख है। हमें सरकारी कर्मचारी घोषित करे। जब हम सभी प्रकार के सरकारी कार्य करते है। पांच वर्ष से बहुत परेशान है। 


कई बार हमने ज्ञापन दिए लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई। हर कार्य हम कर रहे है। जैसे मुख्यमंत्री सेवा योजना में हमने बहुत कार्य किया। वैक्सिनेशन में हमने बहुत कार्य किया, अन्य कार्यो में हम लगातार कार्य कर रहे है। इतनी अच्छी योजना हमारे शिवराज सरकार की है। उन्हें खुद को मालूम है इन योजनाओं से हम कहां से कहा पहुंच गए। लेकिन वह हमारी परेशानी नहीं समझ रहे है। यह आंदोलन 28 जनवरी तक चलेगा उसके बाद भी हमारी मांगे पुरी नहीं हुई तो उक्त आंदोलन आगे भी अनिश्चित कॉल के लिए जारी रहेगा।

केन्द पर ताला लगाकर दे रहे धरना 

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा मण्डूक पुष्कर तालाब के समीप धरना स्थल पर धरना दिया और ज्ञापन सौंपा था। उस दौरान कार्यकर्ताओं ने बताया था कि हमारी लंबे समय से जो जायज मांगे है जो अभी तक सरकार ने पूरी नहीं की है। हमने मानव श्रृंखला भी बनाई थी। हमारी 11 सूत्रीय मंागे है जिसमें सबसे प्रमुख है हमें स्थाई करने की मांग है। इस संबंध में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जरीना खान ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की मांगों का निराकरण नहीं होने से 23 से 28 जनवरी तक का आंगनवाड़ी में ताला लगा कर धरने पर बैठेंगे, अगर फिर भी मांगे पूरी नहीं हुई तो प्रदेश व्यापी आंदोलन पर उतरेंगे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तीन-तीन महीनों का मानदेय नहीं मिल रहा इसके बाद भी विभाग के अलावा अन्य विभाग का भी कार्य करना पड़ रहा है। फिर भी इनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इस बार प्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने आक्रोश में आकर ठोस निर्णय लिया है।  


Comments