निगम परिषद की बैठक में एमआईसी सदस्यों के बीच हुई तीखी बहस.....!

-सभापति ने कहा परिषद की बैठक है, कोई अखाड़ा नहीं.......!
-महापौर व सांसद प्रतिनिधि ने किया बीच-बचाव.....!

देवास। नगर निगम की हुई परिषद की साधारण सभा जो बजट पेश करने के लिए आयोजित की गई थी। उसमें जमकर हंगामा हो गया। महिला पार्षद ने सफाई कर्मचारियों से संबंधित सवाल सभापति व संबंधिक अधिकारी से किया। वहीं बैठक के दौरान विभाग के एमआईसी सदस्य ने सवाल का जवाब देना चाहा लेकिन उसी बीच एक और एमआईसी सदस्य ने महिला पार्षद का समर्थन किया। दोनों एमआईसी सदस्यों के बीच जमकर तीखी बहस हो गई। दोनों सदस्यों की बहस को शांत करने के लिए महापौर प्रतिनिधि, सांसद प्रतिनिधि को समर्झाइश दी गई तब कहीं जाकर हंगामा शांत हुआ। वैसे कहा जाए तो यह कोई पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी कई बार निगम परिषद की बैठक हंगामों में ही समाप्त हुई है।

नगर निगम की बुधवार को हुई परिषद बैठक में जमकर हंगामा हुआ। महिला पार्षद ऋतु सावनेर द्वारा सफाई कर्मचारियों से संबंधित मुद्दा उठाने पर दो एमआईसी सदस्य आपस में भीड़ गए। महिला पार्षद ऋतु सावनेर सफाई कर्मचारियों का मुद्दा उठा रही थीं। इसी दौरान पार्षद धर्मेंद्र सिंह बैस ने उनकी बात को बीच में काटा। जब सावनेर ने उन्हें बोलने देने की बात कही, तो बैस नाराज हो गए। इस पर पार्षद अजय तोमर ने सावनेर का पक्ष लिया और दोनों पार्षदों में तीखी बहस हो गई।

महापौर व सांसद प्रतिनिधि ने किया बीच-बचाव

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पहले पार्षद गणेश पटेल आगे आए। जब दोनों पार्षदों का गुस्सा शांत नहीं हुआ, तो महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल और सांसद प्रतिनिधि राजेश यादव को बीच-बचाव करना पड़ा। सभापति रवि जैन ने स्थिति संभालते हुए कहा कि सभी पार्षदों को अपने सवाल उठाने का पूरा समय मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि परिषद कोई अखाड़ा नहीं है और पार्षदों को तय करना होगा कि उन्हें किससे जवाब चाहिए।

दोनों के बीच हुई गहमा-गहमी 

इस विषय को लेकर एमआईसी सदस्य व पार्षद अजय तौमर ने कहा कि हमारे साथी धर्मेंन्द्र बैस है, अगर कोई पार्षद जनप्रतिनिधि बात करता है तो पूरी बात रखने दी जानी चाहिए। क्योंकि वार्ड की जनता पार्षदों से सवाल करती है। धर्मेद्र बैस के द्वारा महिला पार्षद ऋतु सावनेर को बिठना गलत लगा, इसलिए मुझे हस्तक्षेप करना पड़ा। धर्मेंद्र बैस ने कहा कि ऋतु सावनेर जी ने सवाल किया था उनके सवाल पर मैंने जवाब भी दिया लेकिन वह मेरे जवाब से संतुष्ट नहीं थी। मैंने अधिकारियों ने से कहा कि इनके सवाल का जवाब दो। अधिकारी जवाब देने लगे तो, उसी बीच हमारे साथी अजय तोमर भी खड़े हो गए, मैंने उन्हें कहा कि कमीश्रर साहब जवाब दे रहे हैं तो वे गुस्सा हो गए थे। 

महिलाओं के बोलने से परेशानी होती है 

महिला पार्षद ऋतु सावनेर ने कहा कि विवाद की स्थिति बनना ही नहीं चाहिए थी। मेरी आयुक्त से चर्चा चल रही थी कर्मचारियों की संख्या को लेकर सवाल किया था। कर्मचारियों की संख्या अधिक है और हमें कम बताई जा रही है। कही ना कहीं निगम के राजस्व जाता है कर्मचारियों को भुगतान होता है ये देखना हमारा दायित्व है। हमारी चर्चा चल रही थी उसमें अनावश्यक एमआईसी सदस्य धर्मेंद्र सिंह बैस उनको हमेशा ही महिलाओं के बोलने से परेशानी होती है पता नहीं क्यों? इसी बात को लेकर उन्होनें हंगामा किया। वो अनावश्यक था और कोई बात नहीं है। मेरा धर्मेंद्र बैस को कहना है कि महिला सशक्त है उन्हें बोलने दिया जाए। निगम में चुनाव जीत कर आए है कोई कठपुतली नहीं है। हमारी भी अपनी सोचने समझने व काम करने की शक्ति है उसे अपने हिसाब से काम करने दें।

दोनों सदस्यों को समझाईश दी

सभापति रवि जैन ने कहा कि पार्षदों ने अपनी समस्या बताई लेकिन निगम के विभागीय अधिकारी जवाब नहीं दे पाए। पिछली बार भी परिषद की बैठक के दौरान समस्त अधिकारियों को कहा था कि आपके पास सभी प्रकार के दस्तावेज उपलब्ध होना चाहिए। आज भी कुछ अधिकारियों के पास दस्तावेज नहीं मिले जिससे दो पार्षदों के बीच बहस हो गई थी। जिसे आपसी समझाईश से खत्म कर दिया था।


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