न्यायालय में कांग्रेस प्रत्याशी ने महापौर के विरुद्ध लगाई थी याचिका, न्यायाधीश ने निरस्त की.....!
-मुझे न्यायालय पर विश्वास था, जनता के जनादेश को विपक्ष को स्वीकार करना चाहिए : दुर्गेश अग्रवाल
-महापौर के विरुद्ध निराधार चुनाव याचिका न्यायालय में प्रस्तुत की थी : अभिभाषक शिरिष दुबे
देवास। तीन वर्ष पूर्व 2022 के नगर निगम चुनाव में कांग्रेस महिला प्रत्याशी को भाजपा की महिला प्रत्याशी ने चुनाव में करीब 45 हजार मतों से शिकस्त दी थी। इसके बाद कांग्रेस महिला प्रत्याशी ने भाजपा की नवनिर्वाचित महापौर के विरुद्ध शैक्षणिक योग्यता पर सवाल खड़े किए साथ ही महापौर के निर्वाचन को अवैध घोषित कर कांग्रेस प्रत्याशी को विजय घोषित करने व अन्य मामलों को लेकर न्यायालय में याचिका लगाई थी। मामला उस समय से न्यायालय में विचाराधीन था। आज इस मामले को लेकर प्रथम सत्र न्यायाधीश ने याचिका प्रमाणित नहीं पाए जाने पर उसे निरस्त कर दिया।
तीन वर्ष पूर्व 2022 के नगर निगम चुनाव में महापौर पद के लिए कांग्रेस से विनोदिनी व्यास व भाजपा से गीता दुर्गेश अग्रवाल प्रत्याशी थे। चुनाव के बाद भाजपा प्रत्याशी गीता दुर्गेश अग्रवाल करीब 45 हजार 884 मतों से विजयी हुई थी। चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस प्रत्याशी विनोदिनी व्यास ने महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल के विरुद्ध शैक्षणिक योग्यता, साम्प्रदायिक सदभाव बिगाडऩे व दबाव बनाकर वीवी पेड मशीन नहीं लगवाने आदि के आरोप लगवाते हुए प्रथम जिला न्यायाधीश देवास के समक्ष चुनाव याचिका प्रस्तुत की थी व न्यायालय से गीता दुर्गेश अग्रवाल के महापौर निर्वाचन को अवैध घोषित करने के साथ विनोदनी व्यास को विजेता घोषित किये जाने कि याचिका लगाई थी। इसके बाद से न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन था। आज इस प्रकरण में प्रथम जिला न्यायाधीश आदेश कुमार जैन ने याचिकाकर्ता विनोदिनी व्यास की याचिका अंतर्गत धारा 441 मप्र नगर पालिका निगम अधिनियम, 1956 असत्य व निराधार होने पर निरस्त कर दी। महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल की और से अभिभाषक हर्षित गावशिंदे, अभिभाषक शिवांगी तिवारी व उनके सहयोगी अभिभाषक ने जानकारी दी।
निराधार चुनाव याचिका न्यायालय में प्रस्तुत की थी
अभिभाषक शिरिष दुबे ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी ने महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल के विरुद्ध निराधार चुनाव याचिका न्यायालय में प्रस्तुत की थी। जिसको न्यायालय ने निराधार पाया। कांगे्रस प्रत्याशी ने जो साक्ष्य प्रस्तुत किए व जिन तथ्यों के साथ न्यायालय में आए थे उसे नहीं मनाते हुए न्यायाधीश ने अपने निष्कर्ष में कहा कि जो तथ्य हैं वह प्रमाणित नहीं पाए जाने पर उनकी चुनाव याचिका को निरस्त किया है।
जनता के जनादेश को विपक्ष को स्वीकार करना चाहिए
महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी विनोदिनी रमेश व्यास ने न्यायालय में याचिका लगाते हुए कई आरोप लगाए थे। हमारी और से न्यायाधीश को वस्तु स्थिति से अवगत कराया था। न्यायाधीश ने सभी बातों को समझने के बाद में आज अपना फैसला सुनाया कि जो याचिका लगाई वह निराधार थी उसे निरस्त किया है। मुझे आरंभ से ही न्यायालय पर विश्वास था। निश्चित तौर पर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं कि जिस तरह से विपक्ष ने निराधार याचिका लगाकर बदनाम करने का प्रयास किया था वह न्यायाधीश ने ने खारिज किया है। विपक्ष से कहना है कि जनता का जनादेश उसे स्वीकार करना चाहिए। इस प्रकार की अर्नगल याचिका लगाकर स्वयं का हमारा और न्यायालय का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए था।
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