महिला का नहाते हुए विडियो बनाकर आरोपी पीडि़ता को कर रहा था ब्लैकमेल......!

-आरोपी ने महिला के साथ किया दुष्कर्म, न्यायालय ने 10 वर्ष के कारावास से किया दंडित.......! 

देवास। करीब तीन वर्ष पूर्व औद्योगिक थाना अंतर्गत एक आरोपी ने महिला का नहाते हुए विडियो व फोटो बनाकर उसे धमकाते हुए उसके साथ चार बार दुष्कर्म किया था। आरोपी के विरुद्ध पुलिस ने विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर आरोपी को न्यायालय में पेश किया था। पीडि़ता अपने निवास से कहीं और रहने के कारण उसकी उपस्थिति न्यायालय में नहीं हो पा रही थी। अभिभाषक ने पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर पीडि़ता का नवीन पता तलाश किया। पीडि़ता की उपस्थिति में साक्ष्य न्यायालय में पेश किए, जहां आरोपी के दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने आरोपी को 10 वर्ष का कारावास व अर्थदंड से दंडित किया। 

अभिभाषक मनोज श्रीवास ने बताया कि गत 2022 में युवक रोहित मालवीय ने उसके घर के पास में रहने वाली एक महिला का स्नान करते हुए विडियो फोटो रोशनदान से बनाए उसके बाद महिला को ब्लैकमेल कर 11 से 26 नवंबर 2022 तक दुष्कर्म किया था। मामले को लेकर औद्योगिक थाना पुलिस ने पीडि़ता की रिपोर्ट पर धारा 376 376 (2) एन 354 (ग) 342, 506 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अपराध पंजीकृत कर आरोपी की विरुद्ध चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया। तृतीय सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार पाटीदार के न्यायालय के समक्ष अभियोजन ने कुल 8 गवाह को न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियान के समर्थन में कुल 18 दस्तावेजों को प्रदेश किया। प्रकरण में मुख्य साक्षी पीडि़ता अपने निवास से कहीं और रहने के कारण उसकी उपस्थिति न्यायालय में नहीं हो पा रही थी। इस संबंध में अभिभाषक मनोज श्रीवास ने पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोत से संपर्क कर साक्षी की उपस्थिति नहीं हो पाने की स्थिति बताई, जिस पर पुलिस अधीक्षक ने औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी शशीकांत चौरसिया को विशेष टीम बनाकर साक्षी का नवीन पता तलाश कर उसे न्यायालय के समक्ष साक्ष्य देने हेतु उपस्थित करने के निर्देश जारी किए। पुलिस टीम द्वारा अभियोत्री को तलाश कर उसे साक्ष्य देने के लिए न्यायालय में उपस्थिति की सूचना दी व उसके महत्वपूर्ण साक्ष्य न्यायालय उसकी उपस्थिति पर दर्ज किए। न्यायालय द्वारा संपूर्ण प्रकरण में सुक्ष्मता व न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्य व दस्तावेज के आधार पर आरोपी रोहित मालवीय को 10 वर्ष का कारावास व 9 हजार रुपए के जुर्माने की सजा से दंडित किया। शासन की ओर से पैरवी शासकीय अभिभाषक मनोज श्रीवास द्वारा की गई। कोर्ट मुंशी लखन गेहलोत का विशेष सहयोग रहा।


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