उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्तिगणों के विरुद्ध कुत्ता प्रेमी ने फेसबुक पर की थी अभद्र टिप्पणी........!

-अभिभाषक संघ अध्यक्ष ने न्यायाधीश को परिवाद पेश कर प्रकरण दर्ज कराने की मांग की.......!
-कल अभिभाषकों ने सिविल लाईन थाने पर दिया था आवेदन, पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई.....!

देवास। उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्तिगण के विरुद्ध कुत्ता प्रेमी युवक ने अभद्र टिप्पणी गत दिनों फेसबुक पर देवास शहर नामक पेज पर की थी। जिसको लेकर कल अभिभाषक संघ के सदस्यों ने अभद्र टिप्पणी करने वाले युवक के विरुद्ध आवेदन देकर प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी। किंतु पुलिस ने इस पर अपराध पंजीबद्ध नहीं किया था। जिस पर आज अभिभाषक संघ के अध्यक्ष ने युवक के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने की मांग को लेकर न्यायायिक दंडाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्तिगण जस्टिस आर. महादेवन, जेबी पारदीवाला, सालीसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता के विरुद्ध कुत्ता प्रेमी शक्ति सिंह तौमर ने फेसबुक के देवास शहर पेज पर गत 14 अगस्त को एक अभद्र टिप्पणी पोस्ट की थी। शक्ति सिंह तौमर के विरुद्ध कल अभिभाषक संघ के सदस्यों ने सिविल लाईन थाने पर आवेदन देकर प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी। पुलिस ने इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद आज न्यायालय परिसर में अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अशोक वर्मा के साथ समस्त अभिभाषकों ने परिवाद पेश कर शक्ति सिंह तौमर के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने की मांग को लेकर न्यायायिक दंडाधिकारी सौरभ जैन को ज्ञापन सौंपा। अभिभाषकों ने कहा कि यह कृत्य भारतीय न्याय संहिता की धाराएं 353 (2), 224, 152, 132, 296, 351 तथा आईटी एक्ट की धारा 66-ए व 67 के तहत अजमानतीय व आजीवन कारावास तक दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है। इसी कारण बीएनएसएस की धारा 175 (3) के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया है। शक्ति सिंह तोमर के विरुद्ध प्रस्तुत किए गए परिवाद पर न्यायालय द्वारा थाना सिविल लाइन से प्रतिवेदन आहूत किया। कल 23 अगस्त को सिविल लाईन थाना प्रभारी को प्रतिवेदन प्रस्तुत करना है। 

व्यथित होकर अभिभाषक संघ को आगे आने पड़ा

अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अशोक वर्मा ने कहा कि शक्ति सिंह के द्वारा उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्तियों के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी की गई थी वह गंभीर अपराध है। अपराधी के विरुद्ध न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर उस व्यक्ति के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए निवेदन किया है। अभिभाषक रघुवीर यार्दी ने कहा कि कल अभिभाषकों ने सिविल लाईन थाने पर आवेदन दिया था। किंतु पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, जबकि प्रशासन और व्यवस्था को चलाने वाले पदाधिकारी हैं जिसमें पुलिस शामिल है उनको अविलंब कार्रवाई करना चाहिए थी। इसके पश्चात पुलिस अधीक्षक को भी आवेदन दिया गया है, इसके उपरांत अपराध पंजीबद्ध करने का निर्देश नहीं हुआ। व्यथित होकर अभिभाषक संघ को आगे आने पड़ा। अभिभाषक संघ अध्यक्ष ने स्वयं प्रेरणा से इसमें परिवाद न्यायायिक दंडाधिकारी को पेश कर आवेदन किया है। 

उक्त संज्ञेय अपराध ऐसा है जो आजीवन कारवास से भी दंडित हो सकता है। क्योंकि पोस्ट में जिस शब्दावली का उपयोग किया है जिसमें लोगों से आव्हान किया जा रहा है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के विरुद्ध विद्रोह कर दें। यह परिस्थिति गंभीर है दुर्भाग्य से व्यवस्था नम्रता को समझ नहीं पाई जिसके लिए अभिभाषकों को आगे आना पड़ा। यही प्रार्थना न्यायायिक दंडाधिकारी से की है, हम अपेक्षा करते हैं कि सिविल लाईन थाना पुलिस को तत्काल आदेश देकर प्रकरण में अपराध दर्ज किया जाए। अभिभाषक राजेंद्र बापट ने कहा कि अभद्र टिप्पणीकर्ता शक्ति सिंह ने पूरी न्याय व्यवस्था के विरुद्ध कमेंट्स किए थे। किसी को ऐसा अधिकारी देना उसे ऐसा खुले छोड़ देना ये बहुत गंभीर परिस्थिति निर्मित होती जाएगी। न्यायाधीश से मांग की है कि अपराधी के विरुद्ध जल्द कार्रवाई की जाए। 


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