आगरोद के उपस्वास्थ्य केंद्र को गोरवा में बनाने पर भडक़े ग्रामीण, आंदोलन की दी चेतावनी.......!

-अनदेखी से नाराज ग्रामीण बोले, नाइंसाफी नहीं सहेंगे, उप स्वास्थ्य केंद्र गांव में ही बनवाकर रहेंगे......!

देवास। जिले के आगरोद में उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण ग्रामवासियों के लिए वर्षों से एक बड़ी जरुरत रही है, लेकिन अब जब यह योजना जमीन पर उतरने जा रही है, तो इसके स्थान को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। प्रशासन द्वारा पूर्व निर्धारित और स्वीकृत स्थान को नजरअंदाज कर, भवन का स्थल गोरवा की ओर स्थानांतरित करने से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है।

ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण आगरोद में तय स्थान पर नहीं होता है, तो वे मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। ग्रामीणों का आरोप है कि जानबूझकर राजनीतिक या निजी स्वार्थों के चलते इंजीनियर द्वारा स्थान में फेरबदल किया गया है।

गांव ने खुद तय किया था स्थान, अब हो रही अनदेखी

सरपंच पति दिनेश सोलंकी का कहना है कि ग्रामसभा द्वारा सर्वे नंबर 530 (रकबा 1.14 हेक्टेयर), 530 (3.54 हेक्टेयर) एवं 524 (0.53 हेक्टेयर) भूमि को उपयुक्त मानकर स्वास्थ्य केंद्र के लिए चयन किया गया था। यह स्थान कलेक्टर कार्यालय की जानकारी में भी था, और ग्राम पंचायत द्वारा भी इसे ही अंतिम रूप से तय किया गया था। इसके बावजूद विभागीय इंजीनियर द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्र को गांव से हटाकर गोरवा की ओर शिफ्ट कर दिया गया, जबकि ग्राम पंचायत ने मुख्य मार्ग सहित गांव के भीतर 7 स्थान भवन निर्माण के लिए प्रस्तावित किए थे।

स्वस्थ रहना हमारा अधिकार है, इसके लिए लड़ाई लड़ी जाएगी

भाजपा नेता राहुलसिंह मकवाणा ने कहा कि आगरोद सहित आसपास के करीब 5-6 गांवों के लिए यह उप स्वास्थ्य केंद्र एकमात्र सहारा बन सकता है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा किसी एक व्यक्ति या समूह का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के स्वास्थ्य और भविष्य से जुड़ा हुआ है। अगर प्रशासन ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो सैकड़ों ग्रामीण सडक़ों पर उतरेंगे।

निर्णय का आधार क्या था, कौन जिम्मेदार?

विनयबंधु मकवाणा ने सवाल उठाया, कि जब गांव ने अपनी ओर से वैकल्पिक स्थान सुझाए थे, तो किसके कहने पर इंजीनियर ने अन्य गांव का स्थान चुना? उन्होंने इस निर्णय पर गंभीर संदेह जताते हुए मांग की कि जिस अधिकारी ने यह मनमानी की है, उसके खिलाफ जांच और कार्रवाई होनी चाहिए।

65 लाख की लागत से बनना है भवन

ग्रामवासी राजपाल सिंह ने बताया कि यह उप स्वास्थ्य केंद्र लगभग 65 लाख रुपए की लागत से बनेगा। टोंकखुर्द से आगरोद की दूरी लगभग 8 किमी है, जबकि गोरवा केवल 4 किमी दूर है, लेकिन आगरोद ही वह केंद्र बिंदु है जहां से आसपास के गांवों के मरीज आसानी से पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि भवन का निर्माण यदि गांव में नहीं हुआ, तो इसका लाभ उन लोगों तक नहीं पहुंचेगा जिनके लिए यह योजना लाई गई है।

जनसुनवाई में पहले ही सौंपा जा चुका है आवेदन

गौरतलब है कि ग्रामीणों ने यह मामला केवल चर्चा तक सीमित नहीं रखा, बल्कि जनसुनवाई में आवेदन देकर प्रशासन को पहले ही सूचित कर दिया था। सरपंच पति दिनेश सोलंकी एवं पंचायत सचिव प्रेम नारायण शर्मा के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय में लिखित शिकायत सौंपते हुए मांग की गई कि उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण आगरोद में ही, पूर्व में निर्धारित भूमि पर ही किया जाए।

इंजीनियर ने नहीं उठाया फोन

इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार इंजीनियर से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इससे ग्रामीणों का संदेह और भी गहराता जा रहा है।


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